बिजली से ट्रेनों को चलाने की याेजना के तहत पाकुड़ से किऊल वाया भागलपुर और मंदारहिल रूट का सर्वे कार्य पूरा हो गया है. मालदा रेल डिवीजन प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है. हेडक्वार्टर की मानें, तो अगले दो-चार माह में प्रोजेक्ट भी बन कर तैयार हो जायेगा. विद्युतीकरण के लिए हरेक किमी पर करीब 80 लाख रुपये तक लागत आयेगी. पाकुड़ से किऊल वाया भागलपुर रूट की लंबाई करीब 252 किमी और मंदारहिल रूट की लंबाई 49 किमी कुल मिला कर 301 किमी विद्युतीकरण का कार्य होगा. इस पर लगभग 240.80 करोड़ रुपये तक लागत आयेगी.
इसे पूरा होने में लगभग दो साल लगेगा. इसके बाद ही दोहरीकरण का लाभ मिलने लगेगा और बिजली से ट्रेनों के चलने पर ट्रेनों की रफ्तार में मददगार साबित होगा. मालूम हो कि तीनपहाड़-भागलपुर रेल लूपखंड के 111 किमी हिस्से का दोहरीकरण के काम को लेकर रेलवे मंत्रालय से वर्ष 2009 में मंजूरी दी थी. लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च कर चार चरणों में रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है. पहले चरण में तीन पहाड़ से साहेबगंज के बीच पिछले साल जुलाई से पहले काम पूरा हो गया है. दूसरे चरण में साहेबगंज से पीरपैंती के बीच ट्रैक दोहरीकरण का काम हाल के कुछ दिन पहले पूरा किया गया है. तीसरे और चौथे चरण में पीरपैंती से भागलपुर के बीच दोहरीकरण का काम जारी है. अधिकारियों का दावा है कि रेल लाइन दोहरीकरण का काम समय पर पूरा कर लिया जायेगा.