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विधानमंडल सत्र: राज्यपाल ने अभिभाषण में गिनायीं आगामी वित्तीय वर्ष की प्राथमिकताएं, सात निश्चयों से बदलेगी बिहार की तसवीर
पटना: बिहार मंडल के बजट सत्र का उद्घाटन राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को किया. इस दौरान विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए उन्होंने युवा, महिला, नागरिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, पेयजल, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास समेत सभी क्षेत्रों की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं के रूप-रेखा की विस्तार […]
पटना: बिहार मंडल के बजट सत्र का उद्घाटन राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को किया. इस दौरान विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए उन्होंने युवा, महिला, नागरिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, पेयजल, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास समेत सभी क्षेत्रों की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं के रूप-रेखा की विस्तार से चर्चा की. किस-किस क्षेत्र में राज्य सरकार रोजगार देगी, इसकी जानकारी भी दी.
महत्वपूर्ण घोषणाएं
लोक शिकायत : बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत 51 सेवाओं में अब आम जनता को निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत शिकायतों का निवारण किया जायेगा.
युवाओं पर खास फोकस : ‘आर्थिक हल, युवाओं को बल’ के तहत 2016-17 के लिए जिला मुख्यालय में युवाओं के लिए पंजीकरण और रोजगार परामर्श केंद्र स्थापित करने की योजना है. करीब 4 करोड़ की लागत से इस केंद्र में 12वीं पास युवाओं का रजिस्ट्रेशन होगा. इसके बाद इन्हें तीन विकल्पों- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, भाषा-संवाद और बुनियादी कंप्यूटर-ज्ञान कौशल और स्वयं सहायता भत्ता में से पात्रता के अनुसार कोई एक विकल्प प्रदान करके लाभ दिलाया जायेगा. सभी जिलों में जिला निबंधन और परामर्श केंद्र भवन निर्माण के लिए 155 करोड़ रुपये होंगे खर्च. ‘स्वयं सहायता भत्ता’ योजना के तहत नौकरी की तलाश कर रहे 12 वीं पास 20-25 वर्ष के युवा, जो पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, को अधिकतम दो वर्ष के लिए प्रति माह एक हजार रुपये भत्ता दिया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2016-17 से इस योजना को लागू करने के लिए 1 हजार 216 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है.
पुलिस-प्रशासन :विधि-व्यवस्था : पुलिस मुख्यालय में चौबीसो घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन और आधुनिक नियंत्रण कक्ष जल्द स्थापित होगा. एसिड अटैक के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एसिड की बिक्री को नियंत्रित किया गया है.
वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा : अपराध के मामलों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विधि-विज्ञान प्रयोगशाला पटना के अलावा मुजफ्फरपुर और भागलपुर में जल्द स्थापित हो जायेगा.
आधारभूत संरचना : बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम पुलिस अकादमी, विभिन्न थाना भवनों, आवासीय भवनों, पुलिस लाइन, कारा भवन, पुलिस बैरक, शौचालय समेत कुल 483 भवनों का निर्माण करवा रहा है. 386 भवनों का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है.
शिक्षा : 2005 में 6-14 वर्ष के करीब 12 फीसदी बच्चे स्कूल से बाहर थे, जो अब घटकर 0.86 प्रतिशत रह गया है. प्रारंभिक शिक्षा में सुधार के लिए ‘मिशन गुणवत्ता’ कार्यक्रम विश्व बैंक के सहयोग से शुरू किया गया है. परियोजना अवधि 2015-20 तक की है. 14 विश्वविद्यालय और 262 सरकारी कॉलेजों में मुफ्त वाई-फाई मुहैया कराने के लिए 185 करोड़ की स्वीकृति. 20 नये जीएनएम स्कूल और 63 नये एएनएम स्कूल खोलने के लिए 638 करोड़ रुपये. 5 नये मेडिकल कॉलेज और 24 पारा-मेडिकल संस्थान खोलने को 2 हजार 120 करोड़. 11 जिलों में पॉलिटेकनिक और 26 जिलों में आइटीआइ कोलने के लिए 3 हजार 856 करोड़. 2016-20 तक इन्हें तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
स्वास्थ्य : नवजात शिशु देखभाल के लिए 510 केंद्र, नवजात शिशु स्थिरीकरण के लिए 35 इकाई, विशेष नवजात देखभाल के लिए 22 इकाई की स्थापना होगी.
ऊर्जा : मुजफ्फरपुर ताप विद्युत इकाई में 195 मेगावाट की दो नयी इकाईयां जल्द होगी पूरी. बरौनी
ताप इकाई में 110 मेगावाट की दो इकाईयां जल्द होगी चालू. बरौनी में ही 2016-17 के दौरान 250 मेगावाट की दो नयी इकाई होंगी तैयार. नवीनगर में 660 मेगावाट की तीन-तीन इकाईयां होंगी पूरी.
‘हर घर बिजली लगातार’ के तहत जल्द 1 हजार 80 गांवों का विद्युतीकरण होगा.
अन्य क्षेत्र :- घर तक, पक्की गली-नालियां, 250 या इससे अधिक की आबादी वाले बसावटों को संपर्क पथ से जोड़ना और इनमें नली-गली का निर्माण कराना. ‘हर घर-नल का जल’, 14 लाख 64 हजार 581 परिवारों को पाईप से पानी मुहैया करायी जायेगी. ‘शौचालय निर्माण, घर का सम्मान’, अगले पांच साल में 23 हजार 554 करोड़ रुपये खर्च कर खुले में शौच से गांवों को मुक्त किया जायेगा. उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए वेंचर कैपिटल फंड तैयार किया गया. नये वित्तीय वर्ष में यह पूरी तरह से जमीन पर उतरेगा. अंतरजातीय विवाह योजना के तहत अब 50 हजार के स्थान पर एक लाख मिलेगी प्रोत्साहन राशि.
इन क्षेत्रों में होगी भर्ती
राज्य में जनसंख्या के अनुपात में पुलिस बल की संख्या को राष्ट्रीय मानक तक पहुंचाने के लिए डीएसपी से सिपाही तक के 43 हजार 761 पदों पर भर्ती की जायेगी. यह भर्ती पांच चरणों में होगी. वर्तमान वित्तीय वर्ष में सिपाही के अलावा अवर निरीक्षक के 1 हजार 140 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई जल्द शुरू होगी.
अधिक समय तक सदन में रहें सदस्य: चौधरी
विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने बताया कि जन प्रतिनिधियों को अधिक-से-अधिक समय सदन में उपस्थित रहना चाहिए. अखिल भारतीय पाठासीन पदाधिकारियों के 78 वां सम्मेलन की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सम्मेलन का मुख्य मुद्दा था सदन में लगातार होने वाले व्यवधानों के कारण निर्धारित कार्यक्रमों का नहीं हो सकना. जनहित के मुद्दों पर सदन में विमर्श न होने पर सभी ने चिंता जतायी थी. सदन में ज्यादातर समय सदस्यों की कम उपस्थिति भी चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा था. यह माना गया कि इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता के विश्वास में ह्रास होता है. इसके पुनर्स्थापन के लिए निरंतर प्रयास होना चाहिए.
विधानसभा के बजट सत्र के संयुक्त अधिवेशन के पहले दिन गुरुवार वे दोनों सदनों के सदस्यों के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे आरंभ हुई. राज्यपाल के अभिभाषण के पहले अपने संबोधन में चौधरी ने बताया कि 16 वें विधानसभा के प्रथम सत्र के बाद सात-आठ फरवरी को बिहार विधान सभा के स्थापना दिवस सह बिहार विधान मंडल के सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उन्होंने सदन को अवगत कराया कि वर्तमान सत्र के दौरान कुल 23 बैठकें होंगी.
, इसमें राज्यपाल का अभिभाषण भी शामिल है. इसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर अगले दो दिनों तक विमर्श होगा. वित्तीय वर्ष 2016-17 के वार्षिक आय-व्ययक पर सामान्य विमर्श होगा. विभिन्न विभागों के अनुदानों की मांगों पर विमर्श के लिए 12 दिन, राजकीय विधेयक के लिए दो दिन, विनियोग विधेयक के लिए एक दिन, तृतीय अनुपूरक व्यव विवरणी के लिए एक दिन और गैर सरकारी संकल्प के लिए दो दिनों का समय निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि जनता विधानमंडल में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों में सहभागिता निभाती है. जनता ने सदन के अंदर सत्ता व विपक्ष दोनों को रचनात्मक भूमिका निभाने का दायित्व दिया है.
सदन में रखे गये कई अध्यादेश
पटना. बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को सदन में विधायी कार्य संपन्न हुए. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की आहूत बैठक में आसन की ओर से विधायी कार्य कराये गये. सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने वाणिज्यकर विभाग के प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव को बिहार मूल्यवर्धित कर अध्यादेश 2016 को सदन पटल पर रखने को कहा. उसके बाद पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने बिहार पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश 2016 को सदन में पेश किया. वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 पेश किया.
अंत में विधानसभा के प्रभारी सचिव राजीव कुमार ने राज्यपाल द्वारा अनुमोदित विधेयकों की प्रति सदन पटल पर रखी. विधानसभा अध्यक्ष में सत्र के दौरान समितियों के गठन की घोषणा की. कार्यमंत्रणा समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, ऊर्जा एवं वाणिज्यकर मंत्री विजेंद्र प्रसाद, विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार और कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह को शामिल किया गया है.
बिजली खपत में दो सालों में 40 फीसदी की वृद्धि
राज्य में दो साल में प्रति व्यक्ति बिजली खपत में 40 फीसदी की वृद्धि हुई है. यह वृद्धि देश में सर्वोच्च है. बिहार सरकार द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी पुष्टि है. वर्ष 2012-2013 में राज्य में बिजली की प्रति व्यक्ति खपत 145 किलोवाट से बढ़कर वर्ष 2014-15 में 203 किलोवाट हो गई है. बिजली की औसत उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में छह से आठ घंटे से 14से 16 घंटे व शहरी क्षेत्रों में 10 से 12 घंटे से 20 से 22 घंटे होने से बिजली खपत में वृद्धि हुई है.
मार्च 2015 में राज्य में बिजली की स्थापित क्षमता 3704 मेगावाट थी. इसमें से 83़ 4 फीसदी कोयला आधारित ताप विद्युत, 14़ 12 फीसदी जल विद्युत व शेष 2़ 3 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा श्रोत शामिल है. बिजली का उत्पादन व खरीद 2010-11 से बढ़ कर 1088़ 3 करोड़ यूनिट से बढ़ कर 2014-15 में 1741़ 8 करोड़ यूनिट हो गया. बिजली की बिक्री बढ़ने के साथ राजस्व भी बढ़ा है. इससे वित्तीय हानि 31 फीसदी से घट कर 11 फीसदी हो गई है. ट्रांसमिशन में 6700 एमवीए की कुल क्षमता वाले 98 ग्रिड स्टेशनव 5360 मेगावाट क्षमता सहित 9304 सर्किट किमी़ अति उच्च तनाव वाली संचरण लाईन है. बिजली की उपलब्धता 2014-15 में 2831 मेगावाट थी जो अक्तूबर 2015 में 3459 मेगावाट हो गई.
प्रति व्यक्ति आय में मुंगेर दूसरे नंबर पर
पटना. जारी हुई आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में क्षेत्रीय विषमता की बात सामने आयी है. राजधानी पटना बेहद संपन्न और आर्थिक रूप से सशक्त जिला के तौर पर उभरा है, तो सुदूर और छोटे जिले आज भी आर्थिक दौड़ में तुलनात्मक रूप से बेहद पीछे हैं. पटना का प्रति व्यक्ति आय 60 हजार से ज्यादा है, तो शिवहर का 10 हजार के कम है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में बेहद पिछड़े जिलों में शिवहर के बाद सुपौल, मधेपुरा, अरवल, सीतामढ़ी, बांका, पूर्णिया और कटिहार है. जबकि अच्छी स्थित वाले जिलों में पटना के बाद मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर और मुजफ्फरपुर का नंबर आता है. हालांकि यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि पहले नंबर पटना और दूसरे नंबर पर मुंगेर के बीच प्रति व्यक्ति आय का अंतर तीन गुना का है. पटना 60 हजार से ज्यादा है, तो मुंगेर 20 हजार रुपये के पास ही है.
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