पटना: न यात्री किराये में वृद्धि और न ही माल भाड़े की दरों से कोई छेड़छाड़. चार तरह की नयी सुपरफास्ट ट्रेनें और 2019 तक उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम और पूर्वी तटीय माल ढुलाई गलियारा के साथ सात मिशन, आय बढ़ाने के वैकल्पिक उपाय के साथ यादगार सफर का एहसास. ये खास बातें रहीं गुरुवार को पेश रेल बजट की. अपने दूसरे रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु का सबसे ज्यादा जोर रेलवे को सेवा के प्रति जिम्मेदार बनाने के साथ उसके पुनर्गठन, पुनर्निर्माण और पुनरुद्धार पर रहा. बजट में लोगाें की आकांक्षाओं के अनुरूप जहां स्पीड, सर्विस, स्किल, सेफ्टी पर फोकस है, वहीं बिना किराया बढ़ाये आय बढ़ाने के उपायों पर जोर भी है. इसके लिए रेलवे में निवेश को बढ़ा कर पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना करने की नीति दिखती है.
प्रभु ने प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम ‘मेक इन इंडिया’और ‘स्टार्टअप इंडिया’ को भी पूरा करने की व्यवस्था इस बजट में की है. यही वजह है कि 2020 तक सबको अारक्षण, 95% ट्रेनें समय से चलाने, सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग, बिना फाटक की रेलवे क्राॅसिंगों को खत्म करने, माल गाड़ियों की गति बढ़ाने और स्वच्छता पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया है. बजट में सोशल मीडिया व समर्पित आइवीआरएस प्रणाली के जरिये संपर्क सुविधा करने व प्रतिक्रिया लेने का प्रस्ताव है. महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं का भी ख्याल रखा गया है. ट्रेनों की आरक्षित श्रेणी में महिलाओं के लिए 33% उपकोटा का प्रस्ताव रखा गया है. पिछले रेल बजट में कोई नयी ट्रेन का एलान नहीं हुआ था. इस बार रेल मंत्री ने चार तरह की नयी सुपरफास्ट ट्रेनों का एलान किया है-तेजस, उदय व अंत्योदय एक्सप्रेस.
विकास मेंबिहार…
कर 40.6% हो गया है. बिहार में पूंजीगत निवेश में भारी वृद्धि हुई है. यह बढ़ कर 8954 करोड़ रुपये हो गया है. इसके चलते राजकोषीय घाटा 2010-11 के 3970 करोड़ से बढ़ कर 2014-15 में 11,178 करोड़ रुपये हो गया है. लेकिन यह एफआरबीएम एक्ट द्वारा तय सीमा तीन फीसदी से कम है. 2014-15 में 9499 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, राजस्व व्यय इस वर्ष बढ़ कर 72570 करोड़ रुपये हो गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि 2005-06 से 2014-15 के बीच कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर 6.2 रही है. कृषि पर राज्य की 90% आबादी निर्भर है. ऐसे में यह वृद्धि दर राज्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत है. बिहार को 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार टैक्स में विभाजन से पांच साल में 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा. टैक्स में बिहार का हिस्सा 10.917%से घट कर 9.665% रह गया है.
नयी सोच के साथ…
रेलवे के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके अलावा दबाव वाले क्षेत्रों में ट्रैकों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए. काफी समय से माल ढुलाई के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाने की बात हो रही है, लेकिन इसकी गति काफी धीमी है. इसे तत्काल पूरा करने की जरूरत है, ताकि रेलवे की आमदनी में इजाफा हो सके. अब तक रेलवे बजट में आम लोगों को लुभाने के लिए यात्री किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं कर माल किराये में बढ़ोतरी करने की प्रवृत्ति देखी गयी. लेकिन, पहली बार दोनों किरायों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गयी. रेलवे की आय का सबसे बड़ा स्रोत मालभाड़ा है. इसे तर्कसंगत बना कर ही रेलवे की अामदनी को बढ़ाया जा सकता है. रेलवे की आमदनी बढ़ाने के स्रोत को मजबूत नहीं करने के कारण ही मौजूदा वित्तीय वर्ष में यात्री और मालभाड़े से होनेवाली आमदनी में 15 हजार करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है. रेलवे की सबसे बड़ी दिक्कत यह रही है कि यात्रियों और ट्रेनों की संख्या समय के साथ बढ़ी, लेकिन पटरियों का उस अनुपात में विकास नहीं हो पाया. आज रोजाना लगभग तीन करोड़ लोग ट्रेन से सफर करते हैं और आजादी के बाद मात्र 12 हजार किलोमीटर पटरियों की संख्या बढ़ पायी, जबकि इस दौरान रेलवे का खर्च लगातार बढ़ता गया.
बिना आमदनी के रेलवे का विस्तार नहीं किया जा सकता है. आज भी यात्रा का सबसे सस्ता और आसान जरिया रेलवे है. देश में हाइस्पीड ट्रेन तभी चल पायेगी, जब इसके लिए रेलवे के पास पर्याप्त संसाधन हों, क्योंकि खस्ताहाल पटरियों पर तेज रफ्तार ट्रेनें नहीं दौड़ सकती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री ने तत्काल नयी ट्रेनों को चलाने का एलान नहीं किया है. रेलवे ने हाल में दो कारखानों के लिए विदेशी कंपनियों से करार किया है और इससे रेलवे में पूंजी निवेश की संभावना मजबूत हुई है. विश्वस्ततरीय रेल बनने के लिए पैसे के साथ मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है. (बातचीत : विनय तिवारी)
अगले चार साल का लक्ष्य
मांग पर ट्रेनों में आरक्षित जगह उपलब्ध कराना
मालगाड़ियों को समय सारणी के अनुसार चलाना
सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करना
बिना फाटक की रेलवे क्राॅसिंगों को खत्म करना
ट्रेनाें की स्पीड बढ़ाकर 80 किमी प्रतिघंटा तक करना.
मालगाड़ियों की गति बढ़ाना
पटरियों पर शौचालय की गंदगी छोड़े जाने पर पूर्ण रोक
चार सुपरफास्ट ट्रेनें
1.
अंत्योदय एक्सप्रेस
यह ट्रेन पूरी तरह अनारक्षित श्रेणी की रहेगी.
2.
हमसफर एक्स: एसी- 3 क्लास वाली ट्रेन. इसमें खाने का विकल्प भी होगा
3.
उदय एक्स. : डबल डेकर, फुल एसी, 40% ज्यादा सीटें, व्यस्त मार्ग पर चलेगी
4.
तेजस एक्स. : एसी-3 डिब्बों सहित 130 किमी प्रति घंटा या इससे अधिक रफ्तार. मनोरंजन, वाइ-फाइ व स्थानीय व्यंजनों जैसी सेवाएं.
इसी साल शुरू
क्लीन माइ कोच : एक एसएमएस से कोच में सफाई की सुविधा
कोंकण रेलवे में दिव्यांग बुजुर्गों के लिए सारथी सेवा
महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों के लिए आस्था सर्किट ट्रेनें
तीन नये मालगाड़ी मार्ग
उत्तर-दक्षिण गलियारा : दिल्ली से चेन्नई के बीच
पूरब-पश्चिम गलियारा : खड़गपुर से मुंबई के बीच
पूर्वी तटीय गलियारा : खड़गपुर को विजयवाडा से जोड़ेगा
33% बर्थ महिलाओं को
आरक्षित श्रेणी में 33 प्रतिशत उपकोटा का प्रस्ताव
जननी सेवा : ट्रेनों में शिशुओं के िलए गर्म दूध और पानी
ट्रेनों के शौचालयों में शिशुओं के लिए चेंजिंग बोर्ड
182 महिला सुरक्षा हेल्पलाइन अब 24 घंटे कार्यरत
बुजुर्गों के लिए50 %
लोअर बर्थ पर 50% अारक्षण यानी एक ट्रेन में 120 सीटें
युवाओं के लिएभी
400 स्टेशनों पर वाइ-फाइ बड़ोदरा में रेल विश्वविद्यालय
इंजीनियरिंग व प्रबंधन के छात्रों के लिए छह माह का इंटर्नशिप
रेलवे में नयी जान डालने की दृष्टि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, रेल बजट पुनर्गठन, ढांचागत विकास और रेलवे में नयी जान डालने की दृष्टि पेश करता है, जिसमें नयी प्रक्रियाओं, ढांचे, नियमों और राजस्व के स्रोतों को पेश किया गया है. ‘विजन 2020’ क्षमताओं का विस्तार करेगा, जिसमें हाइ स्पीड ट्रेन, समयबद्धता और सुरक्षा पर जोर होगा.