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पढ़ें, प्रधानमंत्री मोदी की ”Mann Ki Baat” की खास बातें

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 35वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्हें कई मुद्दों पर अपने विचार साझे किये. मोदी ने जहां एक ओर ‘शिक्षा से बदलाव ‘ का मंत्र दिया वहीं हिंसा पर कहा कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 35वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्हें कई मुद्दों पर अपने विचार साझे किये. मोदी ने जहां एक ओर ‘शिक्षा से बदलाव ‘ का मंत्र दिया वहीं हिंसा पर कहा कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर चलने वाले किसी व्यक्ति या समूह को बख्शा नहीं जायेगा और कानून के तहत दोषियों को सजा मिलेगी.

आइये प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ की कुछ खास बातों को जानें.

1. कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर चलने वाले बख्शा नहीं जायेगा
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद हरियाणा समेत कुछ राज्यों में हुई हिंसा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर चलने वाले किसी व्यक्ति या समूह को बख्शा नहीं जायेगा और कानून के तहत दोषियों को सजा मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, एक तरफ देश उत्सवों में डूबा हुआ है और दूसरी तरफ से हिन्दुस्तान के किसी कोने से जब हिंसा की खबरें आती हैं तो देश को चिंता होना स्वाभाविक है. प्रधानमंत्री ने कहा, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर चलने वाले किसी को भी, चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी. हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जबाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे के रहेगा.
उल्लेखनीय है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद हुई हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 36 हो गई. हालांकि, हरियाणा में हिंसा की किसी ताजा घटना की कोई खबर नहीं है.
2. खेल प्रतिभा की खोज करने और निखारने के लिए खेल मंत्रालय कल पोर्टल पेश करेगा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभाओं की खोज करने और उन्हें निखारने के लिए एक खेल प्रतिभा खोज पोर्टल तैयार किया है और कल इस पोर्टल को पेश किया जायेगा. प्रधानमंत्री ने कहा, खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभा की खोज और उन्हें निखारने के लिए एक खेल प्रतिभा खोज पोर्टल तैयार किया है, जहां पूरे देश से कोई भी बच्चा जिसने खेल के क्षेत्र में कुछ उपलब्धि हासिल की है, उनमें प्रतिभा हो – वो इस पोर्टल पर अपना बायोडाटा या वीडियो अपलोड कर सकता है. चुने गए उभरते हुए खिलाडियों को खेल मंत्रालय प्रशिक्षण देगा.
मोदी ने कहा, मैं चाहता हूं कि हमारे देश की नयी पीढ़ी, खेल से जुड़े. खेल हमारे जीवन का हिस्सा बने. अगर हम दुनिया के युवा देश हैं तो हमारी ये तरणाई खेल के मैदान में भी नजर आनी चाहिए. मोदी ने कहा कि खेल यानि शारीरिक तंदरुस्ती, मानसिक फुर्ती, व्यक्तित्व विकास मैं समझता हूं कि इससे ज्यादा क्या चाहिए ? खेल एक प्रकार से दिलों के मेल की एक बहुत बड़ी जड़ी-बूटी है.
हमारी देश की युवा पीढ़ी खेल जगत में आगे आए और आज कम्प्यूटर के युग में तो मैं आगाह भी करना चाहूंगा कि खेल के मैदान, खेल के क्षेत्र से ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि कम्प्यूटर पर फीफा खेलिये लेकिन बाहर मैदान में भी तो कभी फुटबाल के साथ करतब करके दिखाइये. मोदी ने कहा कि एक समय था जब परिवार के बच्चे बाहर जाते थे तो मां पहले पूछती थी कि तुम कब वापिस आओगे.
आज हालत ये हो गई है कि बच्चे घर में आते ही एक कोने में या तो कार्टून फिल्म देखने में लग जाते हैं या तो मोबाइल फोन पर चिपक जाते हैं और तब मां को चिल्ला करके कहना पड़ता है – तू कब बाहर जाएगा. वो भी एक जमाना था जब मां बेटे को कहती थी कि तुम कब आओगे.
3. ‘शिक्षा से बदलाव ‘ का मंत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘शिक्षा से बदलाव ‘ का मंत्र देते हुए लोगों का आह्वान किया कि एक मिशन के रुप में अभियान चलाकर हम बदलाव के लिये शिक्षा, सशक्तिकरण के लिये शिक्षा और नेतृत्व करना सीखने जैसे किसी संकल्प के साथ पांच साल तक के लिए स्वयं को बांध कर इस दिशा में कार्य करें.
प्रधानमंत्री ने भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का उल्लेख किया और कहा कि अपने छात्रों में सृजनात्मक भाव और ज्ञान का आनंद जगाना ही एक शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण गुण है. इस बार जब हम शिक्षक दिवस मनाएं. क्या हम सब मिलकर के एक संकल्प कर सकते हैं ? उन्होंने कहा कि एक मिशन के रुप में हम एक अभियान चला सकते हैं ? बदलाव के लिये शिक्षा, सशक्तिकरण के लिये शिक्षा, नेतृत्व करना सीखने के संकल्प के साथ इस बात को आगे बढ़ा सकते हैं क्या ?
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 सितम्बर को हम सब शिक्षक दिवस मनाते हैं. 5 सितंबर को हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस है. वे राष्ट्रपति थे लेकिन जीवन भर अपने आप को एक शिक्षक के रुप में ही प्रस्तुत करते थे. वो हमेशा शिक्षक के रुप में ही जीना पसंद करते थे. वे शिक्षा के प्रति समपर्ति थे.
एक अध्येता, एक राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति लेकिन हर पल एक जीते-जागते शिक्षक. मैं उनको नमन करता हूं. मोदी ने कहा कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि किसी भी शिक्षक की सर्वोच्च कला होती है कि वह रचनात्मक अभिव्यक्ति और ज्ञान के जरिये आनंद का सृजन करे.
4. तीन वर्षो में शौचालयों का कवरेज 67 प्रतिशत हुआ, 2.30 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए
महात्मा गांधी की जयंती से पहले ‘सेवा में स्वच्छता ‘ का अभियान चलाने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले तीन वर्षो में स्वच्छता अभियान के सकारात्मक परिणाम आए हैं और इस दौरान शौचालयों का कवरेज 67 प्रतिशत हो गया है, साथ ही 2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गांव, खुले में शौच से मुक्त घोषित हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, स्वच्छता ही सेवा – जैसे पहले कहते थे ‘जल सेवा यही प्रभु सेवा, स्वच्छता ही सेवा की एक मुहिम चलायें. पूरे देश में स्वच्छता के लिए माहौल बनाएं. जैसा अवसर मिले, जहां भी अवसर मिले, हम अवसर ढूंढें. लेकिन हम सभी जुड़ें.
उन्होंने कहा मैं आपसे आग्रह करता हूं कि स्वच्छता कार्य को एक आन्दोलन के रुप में करें. मैं सभी एनजीओ को, स्कूलों को, कालेजों को, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक नेतृत्व को, सरकार के अफसरों को, कलेक्टरों को, सरपंचों को हर किसी से आग्रह करता हूं कि 2 अक्तूबर महात्मा गांधी की जन्म-जयंती के पहले ही, 15 दिन, हम एक ऐसी स्वच्छता का वातावरण बनाएं, ऐसा स्वच्छता खड़ी कर दें कि 2 अक्तूबर सचमुच में गांधी के सपनों वाला 2 अक्तूबर हो जाए.
5. प्रधानमंत्री ने पर्यूषण पर्व, गणेश चतुर्थी, ओणम तथा ‘ईद-उल-जुहा ‘ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को पर्यूषण पर्व, गणेश चतुर्थी , ‘ओणम ‘ तथा ‘ईद-उल-जुहा ‘ पर्वों की शुभकामनाएं देते हुए आज कहा कि हमें त्योहारों को आस्था एवं विश्वास के प्रतीक के साथ स्वच्छता के अवसर के रुप में मनाये जाने की जरुरत है और स्वच्छता का आग्रह सिर्फ घर में नहीं, हमारे पूरे गांव में, पूरे नगर में, पूरे शहर, राज्य और देश में स्वच्छता का अटूट हिस्सा बनना ही चाहिये.
आकाशवाणी पर आज प्रसारित ‘मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है, ये विविधताएं खान-पान और रहन -सहन, पहनावे तक सीमित नहीं है. जीवन के हर व्यवहार में हमें विविधताएं नजर आती हैं. यहां तक कि हमारे त्योहार भी विविधताओं से भरे हुए हैं.
मोदी ने कहा, त्योहार हमारे लिए आस्था और विश्वास के प्रतीक तो हैं ही, हमें नये भारत में त्योहारों को स्वच्छता का भी प्रतीक बनाना है. पारिवारिक जीवन में तो त्योहार और स्वच्छता जुड़े हुए हैं. त्योहार की तैयारी का मतलब है – साफ-सफाई. ये हमारे लिए कोई नयी चीज नहीं है लेकिन ये सामाजिक स्वभाव बनाना भी जरुरी है.
6. 30 करोड नये परिवारों का जनधन खाता खुला, 65 हजार करोड़ रुपये जमा हुए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि 30 करोड़ नये परिवारों का जनधन खाता खोला गया है और इसमें गरीबों के द्वारा करीब 65 हजार करोड़ रुपये बैंकों में जमा किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जन-धन योजना ‘ वित्तीय समावेशीकरण के संदर्भ में भारत में ही नहीं पूरे विश्व में आथर्कि जगत के पंडितों की चर्चा का विषय रही है.
28 अगस्त, 2014 को मन में एक सपना ले करके इस अभियान को प्रारंभ किया गया था. कल 28 अगस्त को इस ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना ‘ के अभियान को तीन साल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि 30 करोड़ नये परिवारों को इसके साथ जोड़ा गया है, बैंक खाता खोला गया है. दुनिया के कई देशों की आबादी से भी ज्यादा ये नंबर है.

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