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कॉल सेंटर ने रिंगिंग बेल्स पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया

नयी दिल्ली : फ्रीडम 251 मोबाइल फोन को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच रिंगिंग बेल्स की ग्राहक सेवा प्रदाता फर्म ने कंपनी पर ‘धोखाधडी’ और बकाए का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. हालांकि स्मार्टफोन कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है. वहीं दूसरी ओर रिंगिंग बेल्स ने बीपीओ कंपनी सीवाईफ्यूचर पर […]

नयी दिल्ली : फ्रीडम 251 मोबाइल फोन को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच रिंगिंग बेल्स की ग्राहक सेवा प्रदाता फर्म ने कंपनी पर ‘धोखाधडी’ और बकाए का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. हालांकि स्मार्टफोन कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है.
वहीं दूसरी ओर रिंगिंग बेल्स ने बीपीओ कंपनी सीवाईफ्यूचर पर ग्राहकों की कॉल्स का भारी यातायात संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया है.सीवाईफ्यूचर के संस्थापक और सीईओ अनुज बैराठी ने कहा, ‘‘ हमें हमेशा से ही रिंगिंग बेल्स और उनके कारोबारी माडल को लेकर संशय रहा है. उनकी प्रबंधन टीम के साथ कई दौर की बातचीत के बाद जब उन्होंने अपने लांच कार्यक्रम में आने वाले कई वरिष्ठ राजनेताओं के नाम दिखाए तो हमने उनकी परियोजना अपने हाथ में लेने का निर्णय किया।’ फोन को पेश किए जाने के कुछ ही दिनों बाद कॉल सेंटर के नंबर पर लाखों की संख्या में कॉल्स आई जिनका उचित जवाब दिया गया और यहां तक कि रिंगिंग बेल्स भी हमारी सेवाओं से खुशी थी.
‘‘ हालांकि, जब हमने अपने भुगतान के बारे में पूछना शुरू किया जो हमें साप्ताहिक आधार पर किया जाना था, उन्होंने झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए और असंतोषजनक सेवाओं का हवाला देते हुए हमारी सेवाएं समाप्त करने का निर्णय किया’बैराठी ने बताया, ‘‘ यह फर्जीवाडा, धोखाधडी और अनुबंध तोडने का एक स्पष्ट मामला है. अनुबंध के मुताबिक, रिंगिंग बेल्स ने विशेष रुप से हमें एक साल के न्यूनतम लॉक-इन पीरियड का आश्वासन दिया था और एक साल से पहले अनुबंध खत्म नहीं करने की बात कही थी.’ हालांकि, इन आरोपों का खंडन करते हुए रिंगिंग बेल्स ने कहा कि हेल्पडेस्क से संपर्क करने वाले लोग संपर्क करने में असमर्थ थे और कंपनी को इस संबंध में सीधे तौर पर हजारों की संख्या में शिकायतें मिली हैं.
रिंगिंग बेल्स के अध्यक्ष अशोक चड्ढा ने कहा, ‘‘ हमने इस काम का ठेका सीवाईफ्यूचर बीपीओ को दिया था. दूरसंचार कंपनियों ने यह पुष्टि की कि हेल्पलाइन पर प्रतिघंटे करीब 12 लाख कॉल्स आ रही थीं. मेरी जानकारी में यह बात आई कि बीपीओ कंपनी इस यातायात को संभालने में समर्थ नहीं है. हम अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.’ वहीं बैराठी ने कहा कि समझौते के मुताबिक, असंतोषजनक सेवाओं के चलते अनुबंध समाप्ति की स्थिति में रिंगिंग बेल्स को 30 दिन का नोटिस पीरियड उपलब्ध कराना था और सभी बकाए का भुगतान करना था.
‘‘ वे हमारा फोन भी नहीं उठा रहे हैं. हमने एक पुलिस शिकायत दर्ज कराने सहित सभी आवश्यक कानूनी उपाय करने की योजना बनाई है. हमने पुलिस से बातचीत शुरु कर दी है और कल तक मामला दर्ज कराएंगे। यदि हम रिंगिंग बेल्स परियोजना के लिए रखे गए 100 कर्मचारियों की छंटनी करते हैं तो हमारी कंपनी में उथल पुथल मच जाएगा.’ उल्लेखनीय है कि नोएडा स्थित रिंगिंग बेल्स ने 251 रुपये में एक 3जी स्मार्टफोन पेश किया.

कंपनी के इस फोन पर दूरसंचार क्षेत्र में आश्चर्य जताते हुए कंपनियों ने इस कीमत पर ऐसा फोन उपलब्ध कराने की संभावना पर सवाल खडे किए हैं. इस फोन के समान दूसरी कंपनियों के माडल बाजार में करीब 3,000-4,000 रुपये में उपलब्ध हैं.: फ्रीडम 251 मोबाइल फोन को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच रिंगिंग बेल्स की ग्राहक सेवा प्रदाता फर्म ने कंपनी पर ‘धोखाधडी’ और बकाए का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. हालांकि स्मार्टफोन कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है.

वहीं दूसरी ओर रिंगिंग बेल्स ने बीपीओ कंपनी सीवाईफ्यूचर पर ग्राहकों की कॉल्स का भारी यातायात संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया है.सीवाईफ्यूचर के संस्थापक और सीईओ अनुज बैराठी ने कहा, ‘‘ हमें हमेशा से ही रिंगिंग बेल्स और उनके कारोबारी माडल को लेकर संशय रहा है. उनकी प्रबंधन टीम के साथ कई दौर की बातचीत के बाद जब उन्होंने अपने लांच कार्यक्रम में आने वाले कई वरिष्ठ राजनेताओं के नाम दिखाए तो हमने उनकी परियोजना अपने हाथ में लेने का निर्णय किया।’ फोन को पेश किए जाने के कुछ ही दिनों बाद कॉल सेंटर के नंबर पर लाखों की संख्या में कॉल्स आई जिनका उचित जवाब दिया गया और यहां तक कि रिंगिंग बेल्स भी हमारी सेवाओं से खुशी थी.
‘‘ हालांकि, जब हमने अपने भुगतान के बारे में पूछना शुरू किया जो हमें साप्ताहिक आधार पर किया जाना था, उन्होंने झूठे आरोप लगाने शुरु कर दिए और असंतोषजनक सेवाओं का हवाला देते हुए हमारी सेवाएं समाप्त करने का निर्णय किया’बैराठी ने बताया, ‘‘ यह फर्जीवाडा, धोखाधडी और अनुबंध तोडने का एक स्पष्ट मामला है. अनुबंध के मुताबिक, रिंगिंग बेल्स ने विशेष रूप से हमें एक साल के न्यूनतम लॉक-इन पीरियड का आश्वासन दिया था और एक साल से पहले अनुबंध खत्म नहीं करने की बात कही थी।’ हालांकि, इन आरोपों का खंडन करते हुए रिंगिंग बेल्स ने कहा कि हेल्पडेस्क से संपर्क करने वाले लोग संपर्क करने में असमर्थ थे और कंपनी को इस संबंध में सीधे तौर पर हजारों की संख्या में शिकायतें मिली हैं.
रिंगिंग बेल्स के अध्यक्ष अशोक चड्ढा ने कहा, ‘‘ हमने इस काम का ठेका सीवाईफ्यूचर बीपीओ को दिया था. दूरसंचार कंपनियों ने यह पुष्टि की कि हेल्पलाइन पर प्रतिघंटे करीब 12 लाख कॉल्स आ रही थीं. मेरी जानकारी में यह बात आई कि बीपीओ कंपनी इस यातायात को संभालने में समर्थ नहीं है. हम अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.’ वहीं बैराठी ने कहा कि समझौते के मुताबिक, असंतोषजनक सेवाओं के चलते अनुबंध समाप्ति की स्थिति में रिंगिंग बेल्स को 30 दिन का नोटिस पीरियड उपलब्ध कराना था और सभी बकाए का भुगतान करना था.
‘‘ वे हमारा फोन भी नहीं उठा रहे हैं. हमने एक पुलिस शिकायत दर्ज कराने सहित सभी आवश्यक कानूनी उपाय करने की योजना बनाई है. हमने पुलिस से बातचीत शुरु कर दी है और कल तक मामला दर्ज कराएंगे. यदि हम रिंगिंग बेल्स परियोजना के लिए रखे गए 100 कर्मचारियों की छंटनी करते हैं तो हमारी कंपनी में उथल पुथल मच जाएगा.’ उल्लेखनीय है कि नोएडा स्थित रिंगिंग बेल्स ने 251 रुपये में एक 3जी स्मार्टफोन पेश किया.
कंपनी के इस फोन पर दूरसंचार क्षेत्र में आश्चर्य जताते हुए कंपनियों ने इस कीमत पर ऐसा फोन उपलब्ध कराने की संभावना पर सवाल खडे किए हैं. इस फोन के समान दूसरी कंपनियों के माडल बाजार में करीब 3,000-4,000 रुपये में उपलब्ध हैं.

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