गया : बिहार के गया में इंसेफेलाइटिस ने कहर बरपा दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अबतक वहां 17 बच्चे एईएस यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस की वजह से काल के गाल में समा चुके हैं. इतना ही नहीं मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि भी दर्ज की जा रही है. हर साल इसी मौसम में इस बीमारी का कहर बच्चों पर काल बनकर टूटता है. उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर और गया में इसका खासा प्रकोप देखने को मिलता है. गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बुधवार देर शाम तीन और मरीजों की मौत इलाज के दौरान हो गयी.
मौसम बदलते ही रूक जाता है सिलसिला
मौसम में बदलाव होते ही हालांकि मौत का सिलसिला रूक जाता है. फिर भी लगातार इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का अस्पताल आना जारी है. चिकित्सकों की माने तो हाल के दिनों में जो मौसम का रूख है, वह बीमारी को बढ़ाने वाला है. जैसे ही मानसून बिहार में प्रवेश करेगा इस बीमारी का कहर कम होने लगेगा. अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों के साथ मरीजों को सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं.
पांच और मरीजों की स्थिति नाजुक
जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम को बीमारी से मरने वालों में वजीरगंज गया की 8 साल की अंजु, इमामगंज की 6 वर्षीय पुनम कुमारी और 5 साल का करण कुमार शामिल है. अस्पताल प्रबंधन की माने तो पांच और लोगों का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति भी नाजुक है. एएनएमसी में अबतक 28 मरीज एईएस से पीड़ित भरती हो चुके हैं.