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पुनर्वास केंद्र पर ताला, भटक रहे दिव्यांग

मृत्युजंय कुमार जहानाबाद,नगर : दव्यांगों को व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सदर अस्पताल परिसर में वर्षों पूर्व जिला िदव्यांग पुनर्वास केंद्र की स्थापना हुई थी. केंद्र के माध्यम से जागरूकता, सृजन, पुनर्वास, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन दिया जाता था. लेकिन आज िदव्यांग पुनर्वास केंद्र में ताला लटका है. वहीं […]

मृत्युजंय कुमार

जहानाबाद,नगर : दव्यांगों को व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सदर अस्पताल परिसर में वर्षों पूर्व जिला िदव्यांग पुनर्वास केंद्र की स्थापना हुई थी. केंद्र के माध्यम से जागरूकता, सृजन, पुनर्वास, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन दिया जाता था. लेकिन आज िदव्यांग पुनर्वास केंद्र में ताला लटका है. वहीं मरम्मती के अभाव में केंद्र में लगे उपकरण भी खराब हो गये हैं. जो अब किसी काम के नहीं हैं. ऐसे में विकलांग सुविधाओं के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं. वर्ष 2007 में तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा केंद्र की स्थापना कराया गया था. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के अधीन इस केंद्र का संचालन शुरुआती तीन वर्षों तक हुआ. उस समय सर्व शिक्षा अभियान के कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पुनर्वास केंद्र में कराया गया था. जिससे केंद्र का बेहतर ढंग से संचालन हुआ था.

केंद्र में आने वाले िदव्यांगों को व्यापक सुविधाएं भी प्रदान किया जाता था. तीन वर्षों के बाद विकलांग पुनर्वास केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंप दी गयी तभी से इस केंद्र को मिलने वाला अनुदान बंद हो गया जिसके बाद यहां प्रतिनियुक्त कर्मी भी एक एक कर अपने विभाग में वापस लौटते गये. वर्तमान में सिर्फ तीन कर्मियों के सहारे केंद्र का संचालन हो रहा था .लेकिन उपकरणों के खराब पड़े होने तथा सुविधाओं के अभाव के कारण कर्मी भी विकलांगों की सहायता करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. विकलांग पुनर्वास केंद्र में सभी तरह के नि:शक्तों के लिए सुविधाएं उपलब्ध थी लेकिन आज िदव्यांगों को कोई सुविधा नहीं मिल रहा है जिसके कारण वे इधर-उधर भटकते फिर रहे हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

अस्पताल परिसर में संचालित िदव्यांग पुनार्वास केंद्र का संचालन समाजिक सुरक्षा कोषांग के तहत होता है.इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को कोई विशेष जानकारी नही होती है.केंद्र का संचालन विगत कई वर्षो से हो रहा है.

डा. व्रज भूषण प्रसाद, डीएस ,सदर अस्पताल

विकलांग बोर्ड की होती है बैठक

जिला िदव्यांग पुनर्वास केंद्र में अब प्रत्येक गुरुवार को विकलांग बोर्ड की बैठक होती है जिसमें नि:शक्तों की जांच होती है. जांच के बाद उन्हें विकलांगता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाता है. वर्तमान समय में जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र का सिर्फ यही उद्देश्य रह गया है. ऐसे में पूर्व में जिन नि:शक्तों को यहां कई प्रकार की सुविधाएं मिलती थी वे आज इधर-उधर भटकते देखे जाते हैं. बुनियाद केंद्र में दिव्यांगों को मिलती हैं सुविधाएं

जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र में सुविधाएं नदारद होने के बाद अब बुनियाद केंद्र खोला गया है जहां दिव्यांग जनों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध है. बुनियाद केंद्र में फिजियोथेरेपी के साथ ही विकलांगता से संबंधित आकलन एवं प्रमाणीकरण, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल, सामाजिक पुनर्वास की व्यवस्था, विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं का आकलन, निदान, थेरेपी, आवश्यक सहायक उपकरण की व्यवस्था एवं भौतिक पुनर्वास से संबंधित आवश्यक उपाय किये जाते हैं.

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