रांची : होल्डिंग टैक्स की दर में संशोधन करने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार व नगर निगम एक बार फिर आमने-सामने हैं. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित होल्डिंग टैक्स की दर में रांची नगर निगम द्वारा कमी करने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है.
नगर विकास विभाग के उप सचिव मनीषा जोसेफ तिग्गा ने इस संबंध में रांची नगर निगम के नगर आयुक्त प्रशांत कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है कि मंत्री परिषद द्वारा स्वीकृति के पश्चात अधिसूचित की गयी, किसी भी नियमावली में संशोधन करने का अधिकार किसी भी नगर निगम को नहीं है. इसलिए रांची नगर निगम के प्रस्ताव को खारिज किया जाता है.
इधर, सरकार के इस पत्र के आने के साथ ही अब राजधानी में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित होल्डिंग टैक्स नयी दर को लागू करने की तैयारी में रांची नगर निगम जुट गया है. नयी दर एक अप्रैल 2014 से प्रभावी होगी.
नयी दर एक अप्रैल 2014 से ही होगी प्रभावी
नगर निगम ने क्या भेजा था प्रस्ताव
रांची नगर निगम बोर्ड की बैठक 20 जनवरी को निगम सभागार में हुई थी. इसमें राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित होल्डिंग टैक्स 2.5 प्रतिशत अधिसूचित दर को बोर्ड ने खारिज किया था. बोर्ड ने इस दर को दो प्रतिशत करने का आग्रह सरकार से किया गया था. बोर्ड ने इस दौरान सरकार के इस निर्णय को भी बदल दिया था, जिसमें सरकार ने इस नियमावली के लागू हाेेने की तिथि एक अप्रैल 2014 तय की थी. बोर्ड ने इस प्रस्ताव को संशोधित कर एक अप्रैल 2016 कर दिया था.
तीन माह में करनी होगी मकानों की मापी
राज्य सरकार के इस नियमावली के तहत अब भवन मालिक को तीन माह के अंदर अपने भवन की नापी कर नगर निगम को देना है. इसके बाद नगर निगम भवन का होल्डिंग टैक्स निर्धारित करेगा. नापी कार्य में आम जनता को सहयोग करने के लिए निगम टैक्स कलेक्टर को प्रतिनियुक्त करेगा. ये टैक्स कलेक्टर ही लोगों को बतायेंगे, कैसे मापी करना है.
यह होगी नयी दर
रांची नगर निगम के प्रस्ताव को खारिज करने के साथ ही राज्य सरकार की निर्धारित दर अब राजधानी में लागू हो गयी है. नयी दर के हिसाब से अब लोगों को चार गुना अधिक टैक्स देना होगा. नयी व्यवस्था में अब लोगों से होल्डिंग टैक्स बिल्ड अप एरिया के बदले कारपेट एरिया के हिसाब से लिया जायेगा. 2014 से इस टैक्स के लागू होने पर रांची नगर निगम को 100 करोड़ से अधिक की राशि टैक्स मद में प्राप्त होगी.
क्या है टैक्स गणित
नगर निगम द्वारा वर्तमान में भवनों के लिए टैक्स की दर 1.60 रुपये प्रति वर्ग फीट रखी गयी थी. इस प्रकार से एक हजार वर्गफीट के इस मकान का एनुअल रेंटल वैल्यू(एआरवी)1600 रुपया होता था. नगर निगम इस एनुअल रेंटल वैल्यू का 43.75 प्रतिशत राशि होल्डिंग टैक्स के रूप में लेता था, जो कि सालाना 700 रुपये होता था. वहीं वर्तमान में सरकार द्वारा निर्धारित होल्डिंग टैक्स दर में भवन के कुल एनुअल रेंट वैल्यू का 2.50 प्रतिशत टैक्स रखा गया है. मान लीजिए कांके रोड में किसी व्यक्ति का मकान (फ्लैट) एक हजार वर्गफीट का है. इस भवन के लिए नये नियम में एनुअल रेंटल वैल्यू (एआरवी)12 रुपया प्रति वर्गफीट निर्धारित किया गया है. इस प्रकार एक हजार वर्गफीट के इस भवन का वार्षिक किराया मूल्य 1.08 लाख रुपया होता है. इस एनुअल रेंटल वैल्यू का 2.50 प्रतिशत नगर निगम टैक्स के रूप में लेगा, जो कि सालाना 2700 रुपये होगा.