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भ्रमण: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा से कहा, निवेश करें, सरकार सहयोग देगी

अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने कहा कि झारखंड में स्मार्ट सिटी, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लीन एनर्जी समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. एनुअल स्ट्रेटेजिक मीट का दावेदार झारखंड हो सकता है. रांची: अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान श्री […]

अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने कहा कि झारखंड में स्मार्ट सिटी, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लीन एनर्जी समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. एनुअल स्ट्रेटेजिक मीट का दावेदार झारखंड हो सकता है.
रांची: अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान श्री रिचर्ड ने झारखंड में व्यापार और निवेश की संभावना पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि अभी भारत और अमेरिका के बीच 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार होता है, जिसे बढ़ा कर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने का लक्ष्य है. अमेरिकी सरकार क्लीन एनर्जी, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में झारखंड में काफी संभावना देख रही है. साथ ही हेल्थ, डिफेंस, साइबर, स्पेश में भी काफी काम किया जा सकता है. अमेरिकी सरकार का मानना है कि झारखंड जैसे राज्य इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं. इस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आप निवेश करें, सरकार पूरा सहयोग करेगी.
मुख्यमंत्री को अमेरिका आने का दिया न्योता: श्री वर्मा ने झारखंड को इज ऑफ डुइंग बिजनेस में मिले तीसरे स्थान की चर्चा करते हुए यह बड़ी उपलब्धि है. विदेशी निवेशकों के लिए यह पैमाना काफी है. उन्होंने मुख्यमंत्री श्री दास को अमेरिका आने का न्योता देते हुए कहा कि अमेरिका झारखंड सरकार के साथ ज्वायंट वेंचर भी लगाने को इच्छुक है. मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि झारखंड में निवेश की काफी संभावना है. यहां माइनिंग, ऑटोमोबाइल, आइटी, डिफेंस, एजुकेशन, क्लिन एनर्जी जैसे सेक्टर में निवेश किया जा सकता है. देश का 40 प्रतिशत खनिज झारखंड में है. कानून सरल किये गये हैं. क्लिन एनर्जी के लिए सोलर पॉलिसी बनायी गयी है. जमीन की दिक्कत न हो, इसके लिए लैंड बैंक बनाया गया है. नयी दिल्ली में झारखंड ने इंवेस्टमेंट कार्यालय खोला है.
नयी राजधानी के लिए जमीन चिह्नित : बताया गया कि स्मार्ट सिटी के लिए रांची का नाम प्रस्तावित है. नयी राजधानी के लिए भी सरकार ने जमीन चिह्नित कर ली है. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ओड़िशा के धामरा स्थित पोर्ट से राजधानी रांची को जोड़ने के लिए रेलवे से अनुरोध किया है. इनलैंड वाटरवेज को बढ़ावा देने के लिए साहेबगंज में पोर्ट बनाया जायेगा. आइटी और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने काफी काम किया है. आइटी पार्क, आइआइटी, ट्रिपल आइटी, खेल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दो‍नों ओर से एक-एक प्रतिनिधि को नियुक्त कर निवेश पर काम किया जाना चाहिए. श्री रिचर्ड ने कहा कि कोलकाता स्थित काउंसुलेट के अधिकारी को इसमें प्रतिनिधि बनाया जा सकता है. इसके अलावा इस साल भारत और अमेरिका के बीच मई-जून में भारत में एनुअल स्ट्रेटेजिक मीट होनी है. इसमें हमारा प्रयास है कि दो दिन दिल्ली से बाहर भी बैठक हो. इसके लिए झारखंड भी दावेदार हो सकता है. साथ ही सभी मुख्यमंत्रियों के साथ भी एक सत्र रखा जायेगा. इसमें झारखंड में व्यापार और निवेश की संभावनाओं पर काफी काम किया जा सकता है.
हर साल 100 लोग आते हैं अमेरिका: श्री वर्मा ने कहा कि हर साल 100 लोग अमेरिका जाते हैं, जिसमें एक-दूसरे देश के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं. आइडिया शेयर करते हैं, लेकिन झारखंड से इसमें काफी कम लोग शामिल होते हैं. झारखंड सरकार विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ें हुए लोगों को इसमें नामित कर सकती है. इसके अलावा अमेरिकी प्रोफेसरों को यहां शिक्षण कार्य के लिए आमंत्रित किया जा सकता है.
बैठक में कौन-कौन थे उपस्थित: मुख्य सचिव राजीव गौबा, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव यूपी सिंह, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर, खाद्य, सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव विनय चौबे, कैबिनेट सचिव एसएस मीणा, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अराधना पटनायक और अमेरिकी काउंसुलेट जनरल (कोलकाता) रेग हॉल, काउंसुल फॉर पॉलिटिकल एंड इकोनोमिक अफेयर गौरव बंसल, असिस्टेंट पब्लिक अफेयर क्रेग पार्डो.

झारखंड में व्यापार को बढ़ाना चाहता है अमेरिका
भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि झारखंड में व्यापार की अपार संभावना है. यह खनिज बहुल क्षेत्र है. यहां से द्विपक्षीय व्यापार को अमेरिका बढ़ाना चाहता है. इसी सिलसिले में वह रांची आये हैं. श्री वर्मा अपने रांची प्रवास के दौरान गुरुवार को होटल रेडिसन ब्लू में उद्यमियों, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों व कलाकारों को संबोधित कर रहे थे. बैठक का आयोजन इंडियन चेंबर अॉफ कॉमर्स द्वारा किया गया था.
मेरे पूर्वज भारतीय थे
श्री वर्मा ने कहा कि उनके पूर्वज भारतीय थे. वे पंजाब के रहने वाले थे. फिर अमेरिका में बस गये. उन्होंने कहा कि भारत में चार कौंसुलेट है. झारखंड में कोलकाता के कौंसुलेट जेनरल आ चुके हैं. इज अॉफ डूइंग बिजनेस में झारखंड तीसरे स्थान पर आया है. अमेरिका का व्यापार जगत भी झारखंड की ओर देख रहा है. अभी भारत व अमेरिका में 135 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है, जिसे बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक किया जाना है. उन्होंने उद्यमियों को प्रस्ताव बनाकर देने का आग्रह किया. साथ ही ग्रीन एनर्जी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोड कनेक्टिविटी, कला संस्कृति व स्मार्ट सिटी मामले में सहयोग की बात कही.
सहयोग की पेशकश
सीडी एविएशन की एवीपी स्मृति चौरसिया ने कहा कि चकुलिया एयरपोर्ट के विस्तार की जरूरत है. इस पर राजदूत ने कहा कि यूएसए इसके विस्तार में सहयोग कर सकता है. बैठक में इंडियन चेंबर के क्षेत्रीय निदेशक दीपक भट्टाचार्य, हुडको के सीएमडी डॉ रविकांत, आधुनिक ग्रुप के इडी अमृतांशु प्रसाद, जे. इंफ्रा के एमडी शशि शंकर, रामेश्वरम के एमडी चंद्रकांत रायपत, उषा मार्टिन के सुब्रतो दत्ता, सेल के आर दत्ता, तिरुपति ग्रेफाइट के एमडी शिशिर पोद्दार व सेवन स्टार सोसायटी के बिंदेश्वर बेक शामिल थे.
कार्यशाला में यूएस के जोनाथन बोले हर क्षेत्र में सहयोग देने को तैयार है अमेरिका
रांची : झारखंड के साथ अमेरिका व्यापार बढ़ाना चाहता है. झारखंड में अपार संभावनाएं है. झारखंड के उद्यमियों को अमेरिका से व्यापार बढ़ाने में हर प्रकार का सहयोग किया जायेगा. यह बात इंडो अमेरिकन चेंबर अॉफ कॉमर्स(अाइएसीसी) द्वारा आयोजित सेलेक्ट यूएसए एंड इंडो यूएस ट्रेड कार्यशाला में यूएस फॉरेन कॉमर्शियल सर्विस के प्रिंसिपल कॉमर्शियल अॉफिसर जोनाथन वार्ड ने कही. उन्होंने कहा कि झारखंड के साथ किसी भी क्षेत्र में काम किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि झारखंड में फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए यूएस तकनीकी सहयोग प्रदान कर सकता है. साथ ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए भी यूएसए काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि आइटी क्षेत्र में भी निवेश की संभावना है. झारखंड सॉफ्टवेयर व बैक अॉफिस अॉपरेशन व आउटसोर्स के लिए यूएसए सहयोग कर सकता है. माइनिंग क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच सोना और डायमंड का व्यापार सबसे अधिक होता है.
झारखंड के खनिजों का निर्यात अमेरिका में किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी की अभी ज्यादा डिमांड है. इसमें तकनीकी सहयोग किया जा सकता है. इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, फिल्म मेकिंग में भी उन्होंने सहयोग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि झारखंड में इको टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ, मनोरंजन पार्क, होटल आदि के आधारभूत संरचना में अमेरिका सहयोग कर सकता है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में 500 बिलियन डॉलर तक व्यापार को बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है.
अमेरिका के शिक्षक बांट सकेंगे ज्ञान
भारत स्थित अमेरिकी राजदूत रिचर्ड आर वर्मा ने गुरुवार को राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मुलाकात की. यह एक शिष्टाचार भेंट थी. मौके पर रिचर्ड वर्मा ने राज्यपाल से झारखंड के विश्वविद्यालयों में सुलभ शिक्षण प्रणाली पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि विवि में वाई-फाई के माध्यम से अमेरिकी शिक्षक अपना ज्ञान यहां के विद्यार्थियों में बांट सकेंगे. राज्यपाल ने उच्च शिक्षा को और प्रभावी बनाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा की. रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हो रहा है. भारत के पूर्ण पोलियो उन्मूलन राष्ट्र होने पर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने टीबी उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की. रिचर्ड वर्मा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव झारखंड के मौसम पर पड़ रहा है. राज्य में औद्योगिक विकास के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होना अच्छा है. विश्व बैंक द्वारा झारखंड को इज ऑफ डुईंग बिजनेस में तृतीय स्थान प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की. राज्यपाल ने एंबेसडर को प्रतीक चिह्न दिया.
इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार में सहयोग
जोनाथन वार्ड ने कहा कि भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार में अमेरिका सहयोग कर रहा है. झारखंड में भी इसका विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि अभी अमेरिका की 500 कंपनी भारत में निर्यात करती है, जबकि भारत की 200 कंपनी अमेरिका के साथ व्यापार करती है. उन्होंने खादी को भी अमेरिकी बाजार में बढ़ावा देने की बात कही. श्री जोनाथन ने कहा कि उद्यमी प्रस्ताव बनाकर दें कि किस क्षेत्र में अमेरिका सहयोग कर सकता है. आइएसीसी के एसपी सिंह ने कहा कि झारखंड खादी बोर्ड से भी अमेरिका में निर्यात की बात हुई है. झारखंड के एंसलेरीज उद्योगों के उत्पादों के निर्यात के लिए भी आइएसीसी सहयोग करेगा. बैठक में रितेश कुमार, शंभुनाथ जायसवाल, सुबोध समेत विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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