दिघवारा (सोनपुर) : आखिरकार हजारों यात्रियों की हसरत 13 वर्षों के बाद पूर्ण हुई जब बुधवार को ट्रेनों पर सवार होकर यात्री दीघा पहलेजा पुल के सहारे अपने गंतव्यों तक पहुंच कर एतिहासिक छन के गवाह बने. पहले पाटलिपुत्र से बरौनी के लिए डेमू ट्रेन चली, जिस पर भाजपा के शीर्ष नेताओं समेत आम यात्रियों […]
दिघवारा (सोनपुर) : आखिरकार हजारों यात्रियों की हसरत 13 वर्षों के बाद पूर्ण हुई जब बुधवार को ट्रेनों पर सवार होकर यात्री दीघा पहलेजा पुल के सहारे अपने गंतव्यों तक पहुंच कर एतिहासिक छन के गवाह बने. पहले पाटलिपुत्र से बरौनी के लिए डेमू ट्रेन चली, जिस पर भाजपा के शीर्ष नेताओं समेत आम यात्रियों ने सफर किया.
वहीं दूसरी ट्रेन गोरखपुर से हजारों रेल यात्रियों को लेकर पाटलिपुत्र जंकशन पहुंची. पुल पर गुजरने के समय यात्री गजब का रोमांस का अनुभव कर रहे थे. वहीं पटरी से बगल के इलाकों में अवस्थित घरों की छतों से लोग हाथ हिला कर यात्रियों का अभिवादन कर रहे थे. मुद्दत के बाद भरपुरा, पहलेजा व दीघा के लोगों में अपने क्षेत्र से यात्री ट्रेनों से गुजरते देखा. हालांकि पहले दिन के सफर में यात्रियों को कुछ कड़वे अनुभव भी हुए, जिसमें भरपुरा के समीप ग्रामीणों द्वारा ट्रैक जाम के कारण लगभग चार घंटे तक जाम में फंसना पड़ा. वहीं पाटलीपुत्र के प्लेटफर्म नंबर तीन से सटे स्लम बस्ती में लगी भीषण आग के कारण यात्रियों को प्लेटफार्म से पहले ही ट्रेन छोड़ देना पड़ा. इन सब बाधाओं के बीच उम्मीद का दामन थामे यात्रियों ने अपना सफर पुरा किया एवं ऐतहासिक क्षण के गवाह बने.
पुल पर गुजरने में ट्रेन को लगे 15 मिनट : दीघा-पहलेजा रेल पुल पर वर्तमान समय में एक ही ट्रैक बिछा एवं इसी ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन होगा. रेलवे द्वारा गति सीमा निर्धारित कर देने का कारण पुल पर ट्रेन को पास करन में लगभग 15 मिनट का समय लगा. लगभग साढे चर किलोमीटर लंबे इस रेल पुल को पार करने के क्रम में हर यात्री की निगाहें खिड़की की तरफ थीं. मानो हर कोई पुल से पार करने का दृश्य आंखों में कैद करना चाहता हो.
छपरा से पाटलिपुत्रा तक पहुंचे सैकड़ों यात्री : पाटलिपुत्रा जाने का उत्साह छपरा जिले के लोगों में भी कम नहीं था लिहाजा सैकड़ों यात्री 55008 डाउन गोरखपुर-पाटलिपुत्रा ट्रेन में सुबह 8.55 बजे छपरा स्टेशन पर सवार हुए, उसके बाद हर स्टेशनों पर रूकते हुए यह ट्रेन 2:55 बजे पाटलिपुत्र जंकशन पहुंची. भरपुरा के जाम के कारण लगभग 2 घंटे 40 मिनट तक इस ट्रेन पर सवार यात्रियों को परमानंदपुर स्टेशन पर रूकना पड़ा.
आठ अगस्त, 2015 को दौड़ा था लाइट इंजन : बीते वर्ष आठ अगस्त को केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रिमोड दबा कर स्टेशन का लोकार्पण किया था. उसके बाद पाटलिपुत्र स्टेशन से केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखा कर लाइट इंजन को रवाना किया था. तभी से हजारों यात्रियों के बीच सुहाने सफर की शुरुआत हो गयी थी. अंतत: यात्रियों का सपना तीन फरवरी को पूरा हुआ.