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शताब्दी की सबसे बड़ी खोज – गुरूत्वाकर्षण तरंगों का पता चला

आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की खोज के ठीक 100 साल बाद वैज्ञानिकों ने बेहद अहम खोज किया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस खोज के बाद इंसान को ब्रहांड के चकित कर देने वाले रहस्यों के बारे में पता चल पायेगा. वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों का खोज कर लिया है. यह तरंगे […]

आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की खोज के ठीक 100 साल बाद वैज्ञानिकों ने बेहद अहम खोज किया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस खोज के बाद इंसान को ब्रहांड के चकित कर देने वाले रहस्यों के बारे में पता चल पायेगा. वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों का खोज कर लिया है. यह तरंगे प्रकाशीय तरंगों से पूरी तरह भिन्न है.

इन तरंगों का सबसे पहले पता 12 सितम्बर 2015 को पता चला. इस खोज को "LIGO" नाम के प्रयोग के द्वारा पता लगाया गया है. न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के खोज के बाद इस दिशा में बेहद अहम शोध है. यूरोप में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेस के दौरान वैज्ञानिकों ने कहा कि आइंस्टीन के लगभग सभी सिद्धांत प्रयोगों के द्वारा सत्यापित की जा चुकी थी, सिर्फ एक सिद्धांत का प्रयोगों द्वारा सत्यापन नहीं हो पाया था – "वो गुरुत्व तरंगों का अस्तित्व". आज वैज्ञानिकों ने इन गुरूत्व तरंगों को साबित कर दिया. न्यूटन के सिद्धांतों से इतर आइंस्टीन का दिया गया यह बेहद अहम सिद्धांत आज प्रयोग के द्वारा सत्यापित हो गया.

क्या है LIGO

LIGO- लेजर इंटरफर्मेटर ग्रेविटेशनल – वेब ऑब्जरवेटरी एक भौतिकी शास्त्र का प्रयोग है जो ग्रेविटेशन वेब का पता लगाने के लिए किया गया है. 1992 में शुरू किये गये इस अनुसंधान की सफलता अब मिल रही है. दुनिया भर से इससे 900 वैज्ञानिक जुटे हुए है. "लीगो" को नेशल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) फंडिग कर रहा है.

क्या है तरंगे

यह तरंगे किसी तलाब में पत्थर मारने के बाद पैदा हुए लहरों की तरह है. इन तरंगों का गुणधर्म प्रकाशीय तरंगों के गुणधर्म से बिलकुल अलग है.

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