बोकारो: झारखंड से हर साल बड़ी संख्या में विद्यार्थी उच्च शिक्षा पाने के लिए बड़े संस्थानों में नामांकन कराते हैं. इनमें से कुछ विदेश भी जाते हैं. पढ़ाई व अन्य खर्च काफी बढ़ गये हैं. इसे देखते हुए बैंकों ने भी अब लोन की राशि बढ़ा दी है. विदेशों में पढ़ाई के लिए अब 20 लाख रुपये तक का लोन मिल सकेगा. यह राशि पहले 15 लाख रुपये थी. देश में शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक लोन लिया जा सकता है. विद्यार्थियों की बीमा प्रीमियम को भी बैंक लोन की राशि में शामिल कर रहे हैं. अर्थात उनके प्रीमियम का भुगतान भी बैंक की ओर से दी जाने वाली लोन राशि से किया जायेगा. आनेवाले महीनों में एजुकेशन लोन की मांग बढ़ेगी.
ब्याज दर : एजुकेशन लोन पर 10-12 प्रतिशत ब्याज दर है. विद्यार्थियों को ब्याज दर में एक प्रतिशत तक की छूट दी जाती है. इसके अलावा पढ़ाई के दौरान ही ब्याज की राशि चुकानेवाले को ब्याज दर में एक प्रतिशत की छूट दी जाती है
सिक्यूरिटी : चार लाख रुपये तक लोन पर सिक्यूरिटी के रूप में बैंक कुछ नहीं लेते हैं. चार से 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर थर्ड पार्टी गारंटी पर काम चल सकता है. इससे ज्यादा की राशि पर अभिभावकों की कोलेट्रल सिक्यूरिटी देनी होती है. यह सिक्यूरिटी जमीन, भवन, बांड, केवीपी, बैंक एफडी आदि हो सकती है.
माजिर्न मनी : विद्यार्थी को चार लाख रुपये के लोन के लिए किसी प्रकार की माजिर्न मनी नहीं देनी होती है. भारत में पढ़ने पर इससे ज्यादा के लोन पर पांच प्रतिशत माजिर्न राशि जमा करनी होती है. विदेशों में पढ़ाई पर माजिर्न मनी 15 प्रतिशत तक
होती है.
भुगतान अवधि : पढ़ाई पूरी होने के एक साल बाद या नौकरी लगने के छह माह बाद से लोन वापसी की शुरुआत करनी होती है. 7.5 लाख रुपये तक के लोन को चुकाने के लिए अधिकतम 10 साल व इससे ज्यादा के लिए 15 साल की अवधि मिलती है.