धनबाद: 16 मई को होने वाली मतगणना के लिए प्रशासनिक तैयारी शुरू हो गयी है. यहां सभी मतगणना कक्ष में 14 काउंटिंग टेबल लगाये जायेंगे. यानी एक बार में एक विधानसभा क्षेत्र के 14 बूथों के मतों की गिनती हो पायेगी.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) आने के बाद से मतदान की प्रक्रिया काफी सरल हो गयी है. समय की भी बचत होती है. अब मतगणना के लिए हर विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग हॉल बनाया गया है. हर हॉल में 14-14 टेबल होगा. एक टेबल पर एक बूथ का इवीएम रखा जायेगा.
किस टेबल पर किस बूथ का इवीएम आयेगा, इसका चार्ट पहले से ही तैयार किया जाता है. उसी क्रम में इवीएम लायी जाती है. मसलन अगर टेबल नंबर एक पर पहले बूथ नंबर एक की इवीएम आती है तो दूसरे राउंड में उस टेबल पर 15 नंबर बूथ की इवीएम लायी जायेगी. इवीएम लाने के बाद पहले वहां मौजूद प्रत्याशियों के काउंटिंग एजेंट को मशीन का लगा सील दिखाया जाता है. इस बार सभी मशीनों का सीरियल नंबर भी पहले से दर्ज है, जिसकी जानकारी सभी प्रत्याशी को भी दी गयी है. सभी की सहमति के बाद इवीएम का सील तोड़ा जाता है.
बोर्ड पर डिस्पले होगा वोट
इवीएम का सील तोड़ने के बाद रिजल्ट वन बटन दबाया जाता है. इससे इवीएम में किस प्रत्याशी के पक्ष में कितना वोट आया है उनके नाम के सामने अंकित हो जाता है. इस फिगर को डिस्पले भी किया जायेगा. ताकि प्रत्याशियों के एजेंट व काउंटिंग में लगे कर्मी सभी के वोट को अंकित कर सकें. इसके बाद सभी 14 टेबल का रिजल्ट हॉल के प्रभारी एवं संबंधित विधानसभा क्षेत्र के एआरओ को भेजा जाता है. एआरओ सभी 14 टेबल में प्रत्याशियों को मिले मत को जोड़ कर एक राउंड का रिजल्ट तैयार कर निर्वाची पदाधिकारी (डीसी) के पास भेजते हैं. सभी छह विधानसभा क्षेत्र से सभी राउंड का रिजल्ट आरओ के चेंबर में ही फाइनल होता है. फिर हर राउंड के परिणाम की घोषणा होती है.