कुचायकोट : सावन पूर्णिमा के दिन खादी वरदीवाले पीले रंग में रंग जायेंगे. कुचायकोट थाना परिसर में होनेवाली सती पूजा की तैयारी अंतिम दौर में है. इस पूजा में पुलिस-पब्लिक के समन्वय का अद्भुत दृश्य दिखता है. वैसे तो पुलिस अधिकारी व जवान की जिम्मेदारी कानून व व्यवस्था संभालने की है.
लेकिन, कुचायकोट थाने की पुलिस व थानेदार की भूमिका पूरी तरह से बदल जाती है. थाना परिसर में सती पूजा परंपरा के अनुसार किया जाता है. इस दिन मंदिर परिसर को सजाया जाता है. इसमें थानेदार खुद पीली धोती में यजमान की भूमिका का निर्वहन करते हैं. जवान से लेकर चौकीदार तक पीले रंग में रंगे होते हैं. अंगरेजों के शासन काल से यह परंपरा चली आ रही है.
कुचायकोट थाना परिसर में स्थित सती की पूजा अर्चना की पूरी जिम्मेदारी थानेदार बृज भूषण संभाले हैं. परंपरा के अनुरूप इस दिन थानाध्यक्ष पत्नी के साथ यजमान बनते हैं. इस दिन थाना व आम लोगों का भेदभाव पूरी तरह से समाप्त हो जाता है.
ऐसी मान्यता है कि इस पूजा-अर्चना से सालों भर मां सती की कृपा थाने में तैनात जवानों व पुलिस अधिकारियों पर बनी रहती है.