पटना: लोजपा ने विधानसभा की 70 से 75 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन पार्टी इसके लिए दावेदारी नहीं करेगी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हम मजबूत जनाधारवाली सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इतनी ही सीटों की मांग कर रहे हैं, ऐसा नहीं है.
पार्टी 13 दिसंबर से चुनाव अभियान की शुरुआत करेगी. इससे पहले 28 नवंबर को स्थापना दिवस पर देश के सभी 546 जिलों समेत बिहार के सभी 38 जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा.
प्रभारियों की नियुक्ति : पासवान ने बताया कि चुनाव अभियान अगले साल दो फरवरी तक चलेगा. पार्टी उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करेगी, जहां हमारा जनाधार मजबूत है. इसके लिए सभी जिलों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है. संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान को 16, सांसद रामचंद्र पासवान को 15, सांसद महबूब अली कैसर को 10, सांसद वीणा देवी व उनके पति सूरजभान सिंह को 12, राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा को आठ, प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष अनिल चौधरी को नौ व सांसद रामा किशोर सिंह को नौ विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया है. श्री पासवान ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में लोजपा पांच-छह सीटों पर दावा कर सकती है. उन्होंने कहा कि हम फिलहाल कोई दावा नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर गंठबंधन में सीटों को लेकर बातचीत होती है, तो हम उन सीटों पर लड़ना चाहेंगे, जहां भाजपा के उम्मीदवार न तो विजयी रहे हैं और न ही दूसरे स्थान पर रहे हों. संवाददाता सम्मेलन में सांसद चिराग पासवान, प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, सूरजभान सिंह, डॉ सत्यानंद शर्मा आदि मौजूद थे.
प्रकोष्ठों के अध्यक्ष मनोनीत : लोजपा अध्यक्ष ने शनिवार को विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन कर दिया. दलित सेना का प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु को, युवा प्रकोष्ठ का अध्यक्ष विजय सिंह को, छात्र प्रकोष्ठ का अध्यक्ष संजीव सरदार को, महिला प्रकोष्ठ का अध्यक्ष नीलम सिन्हा को, श्रम प्रकोष्ठ का अध्यक्ष भुवनेश्वर पाठक को, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष डॉ शाहनवाज अहमद कैफी को, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ का अध्यक्ष डीएन सिन्हा को, विधि प्रकोष्ठ का अध्यक्ष पंडित जी पांडेय को, तकनीकी प्रकोष्ठ का अध्यक्ष नरसिंह पासवान को, चिकित्सा प्रकोष्ठ का अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ को और व्यावसायिक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष अनंत कुमार गुप्ता को बनाया गया है.
मांझी संविदा पर सीएम
पासवान ने जीतन राम मांझी को संविदा पर नियुक्त मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि अगर सरकार कुछ अच्छा कर रही है, तो इसका श्रेय नीतीश कुमार को दिया जा रहा है और अगर कहीं कुछ भी गलत होने पर उसका ठीकरा मुख्यमंत्री के सिर फोड़ा जा रहा है. अगर नीतीश कुमार महादलितों से इतना ही प्रेम है, तो उन्हें अगला सीएम भी दलित या महादलित समाज से घोषित करना चाहिए था.