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नरसंहार मामलों में सुस्ती पर पुलिस को फटकार

कोर्ट ने कहा, हमलोगों को भरे मन से रिहाई का देना पड़ता है आदेश कोर्ट में मौजूद थे गृह सचिवविधि संवाददाता.पटनापटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को नरसंहार मामलों में पुलिस की कागजी कार्रवाई की ओर इशारा करते हुए कड़ी फटकार लगायी है. गृह सचिव की मौजूदगी में न्यायाधीश वीएन सिन्हा और एके त्रिवेदी ने कहा […]

कोर्ट ने कहा, हमलोगों को भरे मन से रिहाई का देना पड़ता है आदेश कोर्ट में मौजूद थे गृह सचिवविधि संवाददाता.पटनापटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को नरसंहार मामलों में पुलिस की कागजी कार्रवाई की ओर इशारा करते हुए कड़ी फटकार लगायी है. गृह सचिव की मौजूदगी में न्यायाधीश वीएन सिन्हा और एके त्रिवेदी ने कहा कि ‘आपलोगों की लापरवाही के कारण हमलोगों को भरे मन से रिहाई का आदेश देना पड़ता है.’ खंडपीठ के समक्ष जहानाबाद जिले में 15 लोगों की हत्या से संबंधित 2009 से अपील याचिका की सुनवाई चल रही थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सौ में से 95 मामलों में अभियुक्त रिहा हो जा रहे हैं. साधु साह एवं अन्य वनाम सरकार मामले में कोर्ट ने अधिकारियों से इस तरह की घटनाओं को लेकर सरकार के गाइडलाइन को उपलबध कराने को कहा. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में भी 72 घंटे के बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी. दोषपूर्ण अनुसंधान रहे. यहां तक कि वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य भी नहीं एकत्र किये गये. कोर्ट ने कहा कि गवाहों को सुरक्षा देने में भी पुलिस असफल रहती है. खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान डीजी प्रोस् कयुशन को भी उपस्थित रहने का निर्छेश दिया. कोर्ट को बताया गया कि आरोप पत्र दायर करने में पुलिस तेजी दिखा रही है. जरूरत पड़ा्ने पर पूरक आरोप पत्र भी दायर किया जाता है. गलती पकड़े जाने पर इंर्फामेंशन अफसर के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. इस पर कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आइओ को पकड़ा्ने से काम नहीं चलने वाला. आरोप पत्र में किसी तरह की गड़बड़ी पर डीएसपी और एसपी को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.

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