रांची : बिजली बोर्ड को विभक्त कर चार कंपनियां बनाने का सरकार ने संकल्प जारी कर दिया है. वर्ष 2003 से लंबित बिजली बोर्ड के बंटवारे पर राष्ट्रपति शासन में फैसला लिया गया. चार कंपनियों और निदेशक मंडल का गठन कर लिया गया है. अब इसे कंपनी के रजिस्ट्रार के पास निबंधन के लिए भेजा जायेगा. इसके बाद गजट का प्रकाशन होगा. सरकार ने झारखंड राज्य ऊर्जा विकास निगम लि.
(होल्डिंग कंपनी) के पास सबसे अधिक शेयर 84 लाख रखा है और हिस्सा पूंजी 1800 करोड़ का है. चारों कंपनियों में ऊर्जा सचिव के पास 99.97 प्रतिशत शेयर होगा. शेष छह शेयरधारकों को सौ-सौ शेयर दिये गये हैं. इसमें कंपनियों की हिस्सा पूंजी, शेयरधारकों की सूची व निदेशक मंडल का गठन भी किया गया है. इस पर देनदारियों व पेंशन आदि का दायित्व होगा. सभी कंपनियों के निदेशक मंडल में सात-सात निदेशक होंगे. इन्हें फिलहाल पार्ट टाइम निदेशक बनाया गया है. बंटवारे के बाद राज्य सरकार कंपनी के लिए फुलटाइम एमडी व निदेशक मंडल का चयन करेगी. फिलहाल चारों कंपनियों के पार्ट टाइम एमडी बनाने पर विचार किया जा रहा है.