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लोगों को नौकरी और काम दे सरकार : कोर्ट

रांची: हाइकोर्ट ने कहा है कि देश के सभी राज्य वेलफेयर स्टेट (कल्याणकारी राज्य) हैं. राज्य सरकार अधिक से अधिक लोगों को नौकरी और काम दे. कोर्ट ने सरकार को पूरी गंभीरता के साथ चिकित्सकों और मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति प्रक्रिया अविलंब शुरू करने का निर्देश दिया है. झारखंड लोक सेवा आयोग को 556 चिकित्सकों […]

रांची: हाइकोर्ट ने कहा है कि देश के सभी राज्य वेलफेयर स्टेट (कल्याणकारी राज्य) हैं. राज्य सरकार अधिक से अधिक लोगों को नौकरी और काम दे. कोर्ट ने सरकार को पूरी गंभीरता के साथ चिकित्सकों और मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति प्रक्रिया अविलंब शुरू करने का निर्देश दिया है. झारखंड लोक सेवा आयोग को 556 चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया.
सप्ताह भर में जवाब दाखिल करने का निर्देश : पाकुड़ सदर अस्पताल में चिकित्सकों और मेडिकल कर्मियों के पद वर्षो से रिक्त रहने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने जेपीएससी को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया और सप्ताह भर के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा : पाकुड़ के सदर अस्पताल में पिछले तीन वर्षो से एक भी सजर्न नहीं है. स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है. एनेसथेटिक्स भी पदस्थापित नहीं है. ऐसी परिस्थिति में मरीजों का किस प्रकार इलाज किया गया, ऑपरेशन कैसे किये गये, यह बताने की जरूरत नहीं है.
कोर्ट गंभीर : खंडपीठ ने कहा : समय पर मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. उन्हें बाहर जाना पड़ता है. लोग निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने पर मजबूर हैं. यह बहुत ही गंभीर मामला है, कोर्ट इसकी अनदेखी नहीं करेगा. खंडपीठ ने कहा : अस्पतालों में चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. राज्य सरकार को भी पूरी गंभीरता दिखानी होगी. राज्य सरकार एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करे.
किसने दायर की है याचिका
प्रार्थी मृदुशिला मुरमू ने जनहित याचिका दायर कर पाकुड़ सदर अस्पताल में चिकित्सकों व कर्मियों की कमी को दूर करने की मांग की है. कहा कि पिछले तीन वर्षो के दौरान सदर अस्पताल में सजर्न अथवा गायनोकोलोजिस्ट नहीं रहने के कारण एक भी ऑपरेशन नहीं किया गया.
सरकार का जवाब
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता आरएस मजूमदार ने कोर्ट को बताया कि अस्पतालों में चिकित्सकों व पारा मेडिकल कर्मियों की कमी दूर की जा रही है. 556 चिकित्सकों की नियुक्ति की अधियाचना जेपीएससी को भेजी गयी थी. आयोग ने नियुक्ति नियमावली में कुछ संशोधन करने की मांग करते हुए इसे वापस कर दिया. नियमावली में संशोधन कर अधियाचना आयोग को फिर से भेज दी गयी है. आयोग ने अब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की है. पारा मेडिकल कर्मियों की कमी को भी दूर करने की प्रक्रिया चल रही है. शपथ पत्र में पाकुड़ सदर अस्पताल में चिकित्सकों व मेडिकल कर्मियों के रिक्त पदों की जानकारी दी गयी है. सरकार ने यह भी बताया है कि चिकित्सक दंपती (सजर्न व स्त्री रोग विशेषज्ञ है) को पाकुड़ सदर अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था. उक्त दंपती ने अपने स्थानांतरण को चुनौती दी है.

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