हमारे देश में जिस तरह जनसंख्या में हर साल वृद्धि हो रही है, उसके अपेक्षा शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है. इसके स्तर में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. इस कारण देश में बेरोजगारी में भी इजाफा हो रहा है. शिक्षा का गिरता स्तर और बढ़ती बेरोजगारी चिंता का विषय बना हुआ है.
यह सरकार के लिए भी और यहां के आम नागरिकों के भविष्य के लिए भी खतरनाक है. हालांकि, देश के शासक और राजनेता विकास करने का दावा करते हैं, लेकिन शिक्षा के स्तर में सुधार करने का काम कोई नहीं कर रहा है. देश के शासकों और राजनेताओं को यह मालूम होना चाहिए कि बिना ज्ञान के देश की आर्थिक प्रगति संभव नहीं है. वजह यह है कि जब देश के लोग शिक्षित होकर काम में हाथ नहीं बंटायेंगे, तो औद्योगिक उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार नहीं होगा. शिक्षा में सुधार की दरकार है.
अमर कुमार, रांची