दुमका : झारखंड राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के तत्वावधान में गुरुवार को संयुक्त श्रम भवन कार्यालय के समक्ष मजदूरों द्वारा रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया तथा सरकार, प्रशासन एवं श्रम विभाग के उदासीन रवैये के खिलाफ नाराजगी का इजहार किया गया.
प्रदर्शनकारी मजदूरों ने मुख्य रूप से संताल परगना में क्रशर व्यवसाय से जुड़े मजदूरों की बदहाली तथा उनके आर्थिक शोषण के मुद्दे को उठाया. मुख्य रूप से संबोधित करते हुए यूनियन के राज्य सचिव सह जिला संयोजक सुभाष चंद्र मंडल ने कहा कि अकेले शिकारीपाड़ा में ही तकरीबन बीस हजार मजदूर क्रशर व्यवसाय में कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही.
उन्होंने श्रम अधिनियमों के तहत उचित सुविधाएं दिलाने तथा मजदूरों का निबंधन कराने के लिए अभियान के तौर पर मकड़ापहाड़ी, चीरुडीह, सरसडंगाल, पिनरगड़िया, हरिपुर, बेनागड़िया, लोरीपहाड़ी तथा कुलकुलीडंगाल में पंजीकरण शिविर लगाने की मांग की. उन्होंने उप श्रमायुक्त के जरिये मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा, जिसमें इन मुद्दों के अलावा रेलवे जैसे कार्यो में केंद्र सरकार के अधिनियमों के अनुरूप मजदूरी की गारंटी देने, क्रशर व्यवसाय से जुड़े मजदूरों के लिए विश्रम गृह, पेयजल, दवा, धूलरोधक मास्क, दस्ताना व जूता देने, मजदूरों के लिए आवासीय कॉलोनी व जमीन के पट्टे दिये जाने, श्रम कानूनों का सख्ती से अनुपालन कराने, निर्माण व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बीपीएल सूची में शामिल करने, अंतराज्यीय प्रवासी कानून का सख्ती से पालन करते हुए प्रवासी मजदूरों के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाने की भी मांग की गयी.
प्रदर्शन में सूरजा हांसदा, विलियम मुमरू, वैजंतीमाला हेंब्रम, विनोद राणा, मनोज मुमरू, सोमाय हांसदा, भुंडा बास्की, पलटन हांसदा, रामेश्वर सोरेन आदि शामिल थे.