कोलकाता : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरंग ने आज कहा कि ऐतिहासिक रूप से दार्जीलिंग कभी भी बंगाल का हिस्सा नहीं रहा. उन्होंने कहा कि जो लोग गोरखालैंडआंदोलनके खिलाफ हैं या जो गोरखों को विदेशी कह रहे हैं वे दरअसल राज्य के आंदोलन को मजबूत ही कर रहे हैं.
गुरंग ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, गोरखालैंड का निर्माण बंगाल का विभाजन नहीं है क्योंकि ऐतिहासिक रूप से दार्जीलिंग कभी भी बंगाल का हिस्सा नहीं रहा. इसे ब्रितानियों ने सिक्किम राज्य से वर्ष 1835 में पट्टे पर लिया था.उन्होंने कहा कि दार्जीलिंग जिले में पड़ने वाले कालिमपोंग और जलपाईगुड़ी जिले के दूआर्स वर्ष 1865 में भूटान से अपने अधिकार में ले लिए गये थे.
इन बातों के जरिये गुरंग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे पर निशाना साध रहे थे, जिसमें बनर्जी ने पश्चिम बंगाल का कोई विभाजन न करने की बात कही थी.
अलग गोरखालैंड की मांग के लिए कल बनायी गयी एक नयी समिति ने 19 अगस्त से एक नये आंदोलन का आह्वान किया है. इस बार आंदोलन का नाम जनता कर्फ्यू से बदलकर घर बितराई जनता (घरों के भीतर लोग) रखा गया है. इस समिति में जीजेएम और गोरखालैंड के समर्थन वाले अन्य संगठन शामिल हैं.