नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फिल्म #MeToo के निर्माता की याचिका पर केन्द्र और सेंसर बोर्ड का जवाब मांगा है. फिल्म के निर्माता ने फिल्म का नाम बदलने तथा इससे कई दृश्य हटाने के आदेश को चुनौती दी है.
फिल्म में यौन उत्पीड़न की मंशा से एक लड़की के अपहरण को दिखाया गया है. न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड से पूछा कि क्या उन्होंने आदेश पारित करने से पहले फिल्म के निर्माता साजिद इकबाल कुरैशी को अपनी बात कहने का पूरा अवसर दिया.
अदालत ने मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को तीन मई को सुनवाई की अगली तारीख से पहले अपना जवाब सौंपने को कहा. कुरैशी ने अपनी याचिका में दावा किया कि बोर्ड ने आदेश पारित करने से पहले उसे सुने जाने का अवसर नहीं दिया. उन्होंने सेंसर बोर्ड के 12 नवंबर 2018 के आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया है.