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झारखंड के 2.19 करोड़ वोटर चुनेंगे अपना सांसद, युवाओं ने कहा जो भी सरकार बने, रोजगार दिलाने के लिए ठोस पहल करे

रांची : झारखंड की 14 संसदीय सीटों पर 2.19 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालेंगे. राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 2,19,81,479 है. इसमें पुरुष वोटरों की संख्या 1,15,07,697 व महिला वोटरों की संख्या 1,04,73,475 है. राज्य में सबसे अधिक मतदाता धनबाद में है. वहां 20.44 लाख वोटर हैं. राज्य में खूंटी सबसे कम मतदाता […]

रांची : झारखंड की 14 संसदीय सीटों पर 2.19 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालेंगे. राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 2,19,81,479 है. इसमें पुरुष वोटरों की संख्या 1,15,07,697 व महिला वोटरों की संख्या 1,04,73,475 है. राज्य में सबसे अधिक मतदाता धनबाद में है.
वहां 20.44 लाख वोटर हैं. राज्य में खूंटी सबसे कम मतदाता वाला संसदीय क्षेत्र है. खूंटी में मतदाताओं की संख्या 11.74 लाख है. धनबाद में 11 लाख से अधिक पुरुष और नौ लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. सिंहभूम और खूंटी में महिला और पुरुष वोटरों की संख्या में क्रमश: तीन और पांच हजार का अंतर है.
संसदीय क्षेत्र कुल वोट पुरुष महिला
राजमहल 14,34,506 7,31,659 7,02,840
दुमका 13,63,714 7,01,538 6,62,165
गोड्डा 16,91,410 8,92,930 7,98,474
चतरा 13,98,814 7,34,907 6,59,896
कोडरमा 17,79,737 9,41,353 8,38,369
गिरिडीह 16,27,828 8,67,986 7,59,824
धनबाद 20,44,802 11,09,541 9,35,234
रांची 18,55,535 9,70,465 8,85,010
जमशेदपुर 16,70,371 8,55,831 8,14,481
सिंहभूम 12,47,639 6,25,587 6,22,034
खूंटी 11,74,643 5,89,866 5,84,770
लोहरदगा 12,10,486 6,18,417 5,92,038
पलामू 18,50,485 9,98,001 8,52,459
हजारीबाग 16,35,509 8,69,616 7,65,881
युवाओं ने कहा
जो भी सरकार बने, रोजगार दिलाने के लिए ठोस पहल करे
रोजगार के अभाव में आज युवा दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं. छह-सात हजार रुपये के काम के लिए उन्हें भटकना पड़ता है. इसलिए देश में जिसकी भी सरकार बने, युवाओं काे आत्मनिर्भर बनाना उसकी पहली प्राथमिकता में शामिल हो़
ओमप्रकाश महतो
देश आज जिस दौर से गुजर रहा है, ऐसे माहौल में देश के सारे लोगों को एकजुट होने की आवश्यकता है. क्योंकि देश बचेगा, तभी हमारा अस्तित्व बचा रहेगा. इसलिए जाति व धर्म से ऊपर उठकर हम सबों को इस बार वोट करना चाहिए़
वीरेंद्र प्रसाद
शिक्षा व्यवस्था की हालत देश में खस्ता है. यहां डिग्री तो मिल जाती है, लेकिन रोजगार नहीं मिलता. इसलिए शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करने की जरूरत है. ऐसी शिक्षा व्यवस्था हो, जो शिक्षित बनाने के साथ साथ रोजगार भी उपलब्ध कराये़
मनोरंजन दीवान
हिंदी माध्यम से पढ़ाई करनेवाले युवाओं को आज दोयम दर्जे का माना जाता है. जबकि उनमें भी प्रतिभा होती है. इसलिए सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को ऐसा बनाया जाये, ताकि इन स्कूलों के बच्चे भी कॉन्वेंट स्कूलों के बच्चों की तरह अंग्रेजी सीख सकें.
अमित किरण
हाल के वर्षों में युवक-युवतियां सबका रूझान शिक्षा की ओर बढ़ा है. लेकिन कॉलेजों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं. जो शिक्षक हैं, वे भी केवल कोरम पूरा करने के लिए आते हैं. इसलिए इस सिस्टम में आमूल- चूल परिवर्तन किया जाये़
जैक आर्यन

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