- फिल्म : बदला
- निर्देशक : सुजॉय घोष
- कलाकार : अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, मानव कौल, अमृता सिंह
- रेटिंग : तीन स्टार
उर्मिला कोरी
‘बदला’ स्पैनिश फिल्म कॉन्ट्रटीएम्पो का हिंदी रीमेक है. फिल्म के भारतीयकरण करने के लिए निर्देशक सुजॉय घोष ने महाकाव्य महाभारत के पौराणिक संदर्भों को कहानी के साथ जोड़ा है. द्रौपदी ने कहा था कि बदला लेना सही नहीं है लेकिन हमेशा माफ कर देना भी सही नहीं होता है. इसी कथन पर कहानी आधारित है.
फिल्म में तापसी पन्नू और अमिताभ बच्चन फिल्म पिंक के बाद एक बार फिर साथ नजर आये हैं. फिल्म की कहानी एक मर्डर मिस्ट्री के इर्द-गिर्द बुनी गयी है. नैना सेठी (तापसी पन्नू) पर उसके प्रेमी अर्जुन (टोनी) की हत्या का आरोप है. नैना अपनी पैरवी के लिए वकील बादल गुप्ता (अमिताभ बच्चन) को नियुक्त करती है. जो पिछले 40 सालों में एक भी केस हारा नहीं है.
नैना अपना पूरा पक्ष बादल गुप्ता के समक्ष रखती है. नैना शादीशुदा और एक बच्चे की मां है. वह इस अफेयर को अपनी गलती मानती है और बताती है कि उसे कुछ समय से ब्लैकमेल किया जा रहा था और उसे इस हत्या में फंसाया जा रहा है. क्या नैना सही बोल रही है? जो वह बोल रही है, वो पूरा सच है या सच्चाई और कुछ है? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
जिन्होंने स्पैनिश फिल्म देखी है, उन्हें यह फिल्म मूल रूप से कमतर जरूर नजर आयेगी, लेकिन कलाकारों का अभिनय फिल्म को बांधे रखता है. फिल्म के स्क्रीनप्ले पर थोड़ा और काम करने की जरूरत महसूस होती है. फिल्म का जो सस्पेंस है, वो अंत तक बरकरार नहीं रह पाया है. यहीं फिल्म चूक गयी है. इन कमियों के बावजूद फिल्म आपको एंटरटेन करती है और शुरू से अंत तक बांधे रखती है. हर किरदार अपनी एंट्री के साथ कहानी को जटिल बनाते जाते हैं. यह फिल्म को खास बना देता है.
अभिनय की बात करें, तो महानायक अमिताभ बच्चन एक बार फिर बेमिसाल रहे हैं. उनका लुक हो या संवाद अदायगी सभी खास है. तापसी पन्नू ने अपने किरदार के दोहरेपन को बखूबी जिया है. अमृता सिंह ने सशक्त ढंग से अपनी उपस्थिति दर्शायी है. मानव कौल के हिस्से में ज्यादा सीन नहीं आये हैं. बाकी के कलाकार भी अच्छे रहे हैं. फिल्म का गीत-संगीत औसत है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी कहानी में एक अलग ही रंग भरते हैं. फिल्म ग्लास्को में शूट हुई है. संवाद अच्छे हैं. कुल मिलाकर यह मर्डर मिस्ट्री एंगेजिंग है.