सुंदर और स्वस्थ दिखने की प्रतिस्पर्धा में लोग आज सुंदर चेहरे के साथ-साथ चमकदार दांत भी चाहते हैं. मेडिकल क्षेत्र में रुचि लेने वाले युवाओं के लिए आज यह बेहतरीन करियर विकल्प है. हमारे देश में अधिकतर लोग दांतों की बीमारियों से ग्रस्त हैं. लोगों को अपने दांतों और मसूढ़ों को स्वस्थ रखने के लिए जिस अनुपात में चिकित्सकों की जरूरत है, वे हैं नहीं. आज भी दंत चिकित्सक बड़े शहरों और नगरों में ही मुख्य तौर पर उपलब्ध हैं. ऐसे में यदि डेंटिस्ट बनकर अपना करियर संवारा जाए तो यह लाभ का सौदा हो सकता है.
चयन प्रक्रिया
प्रवेश के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पास करना होता है. टेस्ट में ऑब्जेक्टिव टाइप के 180 प्रश्न होते हैं. ये प्रश्न बायोलॉजी, जूलोजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री से होते हैं. इस परीक्षा में सफल होने के बाद ही उम्मीदवार को डेंटल कालेज में चार वर्षीय ऑल बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी ; बीडीएस में दाखिले का मौका मिलता है. यह कोर्स और प्रवेश परीक्षा डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा राज्य स्तर पर भी परीक्षाओं के माध्यम से बीडीएस में प्रवेश पाया जा सकता है. डिग्री हासिल करने के बाद पांचवें साल में एक साल की इंटर्नशिप होती है. यह कोर्स का अनिवार्य हिस्सा है.
प्रमुख शिक्षण संस्थान
* मौलाना आजाद डेंटल कालेज, नई दिल्ली
* फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
* ईएसआईसी डेंटल कालेज इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली
* डीएवी डेंटल कालेज, सोलन
* सिकंदराबाद गवर्नमेंट डेंटल कालेज
* अहमदाबाद डेंटल कालेज
* अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
* डाॅ. आर अहमद डेंटल कालेज, कोलकाता
फीस
सरकारी डेंटल कालेजों में बीडीएस कोर्स करने की फीस करीब एक लाख रुपए है, लेकिन परेशानी की बात यह है कि देश में डेंटल कालेजों की संख्या काफी कम है. निजी कालेजों में चार साल की फीस 10 लाख रुपए से ऊपर है. बीडीएस कोर्स की फीस भी सरकारी में काफी कम है, लेकिन निजी कालेजों में विभिन्न स्पेशलाइज्ड विभाग की अलग-अलग है. यह 25 लाख रुपए से ऊपर जाती है.
वेतनमान
दांतों के डाक्टर का शुरुआती वेतनमान सरकारी अस्पताल में 50 हजार रुपए से ज्यादा है. जैसे-जैसे अनुभव में इजाफा होता जाता है, वेतन में बढ़ोतरी होती जाती है. सीनियर डाक्टर के रूप में वेतनमान डेढ़ लाख से ऊपर है. इसी तरह निजी क्षेत्र में कमाई क्लीनिक चलने पर निर्भर करती है.
स्पेशलाइजेशन
बीडीएस कोर्स करने के बाद स्पेशलाइजेशन और गहन चिकित्सा का ज्ञान हासिल करने के लिए एमडीएस में भी प्रवेश जरूरी है. मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी में भी दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए ही मिलता है. एमडीएस में स्पेशलाइजेशन विभिन्न तरह के हैं. इनमें इंडोडांटिक्स, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी, ओरल सर्जरी, ऑर्थोडोनटिक्स, पेडोडोंटिक्स, पेरिडोंटिक्स एवं प्रोस्थोडोंटिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं. इनमें से किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करनी होती है.
कहां-कहां हैं अवसर
वर्तमान में देश में डेंटल सर्जन की सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों में काफी मांग है. आज पूरे देश में निजी अस्पतालों का जाल बिछ चुका है. इनमें बेहतर पैकेज और सुविधा के साथ दंत चिकित्सकों को नियुक्त किया जा रहा है. इसी तरह, निजी नर्सिंग होम और सरकार की बड़ी डिस्पेंसरियों में भी दंत चिकित्सक नियुक्त किए जा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कालेजों के अलावा रेलवे और रक्षा क्षेत्रों द्वारा संचालित अस्पतालों में डेंटिस्ट की नियुक्तियां होती हैं.