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विवाद में फंस रहा है नल जल योजना का कार्य
भागलपुर : पदाधिकारियों की कमी झेल रहे विभिन्न सरकारी विभाग में चतुर्थ वर्गीय पद पर भी कर्मी का संकट है. पटना हाइकोर्ट के पारित आदेश पर चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्ति का काम शुरू हुआ, मगर अब तक प्रक्रिया के पेच में फंसी है. हाल यह है कि सात दिसंबर 2016 को विज्ञापन के बीते […]
भागलपुर : पदाधिकारियों की कमी झेल रहे विभिन्न सरकारी विभाग में चतुर्थ वर्गीय पद पर भी कर्मी का संकट है. पटना हाइकोर्ट के पारित आदेश पर चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्ति का काम शुरू हुआ, मगर अब तक प्रक्रिया के पेच में फंसी है. हाल यह है कि सात दिसंबर 2016 को विज्ञापन के बीते दो साल तीन महीने से अधिक हो गये. इस दौरान जिला चयन समिति की चार बैठकें भी हो गयी.
नियुक्ति का अंतिम पैनल (चयनित आवेदन की सूची) का प्रकाशन नहीं हुआ है. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, आचार संहिता के पेच में उक्त पद की नियुक्ति फंस जायेगी. चुनाव के बाद नियुक्ति पूरा होने के आसार हैं.
चतुर्थ वर्गीय पद पर आवेदन के नाम पर जहां धांधली भी शुरू हो गयी, वहीं समय-समय पर पैनल में नाम जुड़वाने के एवज में रिश्वत की भी चर्चा होती रहती है. कई आवेदक को ऐसे धांधली करनेवाले लोग ठग भी चुके हैं. इन ठगी की घटनाओं पर जिला प्रशासन की तरफ से कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करायी गयी.
चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्ति : 2 साल 3 महीना पहले 430 पद निकले, चार बैठकें हुईं, अब तक चल रही प्रक्रिया
नियुक्ति: 430 पद पर आये 18 हजार 131 आवेदन
विभिन्न सरकारी विभाग में चतुर्थ वर्गीय कर्मी के 430 पद पर नियुक्ति का विज्ञापन निकला. इस विज्ञापन के एवज में 18 हजार 131 आवेदन आये. इन आवेदनों के आधार पर मेधा सूची बनायी गयी. मेधा सूची पर 442 दावा-आपत्ति लिया गया, जिसका निबटारा चल रहा है.
चयन : मेधा सूची का एक बार नियम बदला
चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्ति के लिए नियोजनालय वाइज मेधा सूची बनी. पहले की मेधा सूची में मैट्रिक के अधिक अंक होने के आधार पर सूची तैयार की गयी. पटना हाइकोर्ट में केस लड़नेवाले ने सूची पर आपत्ति दिया तो उम्र को मेधा सूची का आधार बनाया गया.
इधर ठगी भी
चतुर्थ वर्गीय पद पर नियुक्ति में जितनी देरी हो रही है, ठगी के शिकार आवेदक हो रहे हैं. आवेदक के फोन नंबर का डाटा लेकर ठग उस पर संपर्क कर रहे हैं. कुछ से 50 हजार तक की राशि ठग ली. मेधा सूची में नाम दिलाने के नाम पर आवेदक ठगे जा रहे हैं. ये ठग बिहार सरकार के फर्जी नियुक्ति पत्र आवेदक के घर पर भेज देेते हैं, फिर पैसे खाता में जमा कराने के लिए कहते हैं.
पंचायत राज में तकनीकी सहायक में फर्जी सर्टिफिकेट का मामला भी पकड़ाया
चतुर्थ वर्गीय पद पर पैनल नहीं बना है, वहीं पंचायती राज में तकनीकी सहायक के पद पर नियुक्ति में फर्जी सर्टिफिकेट का मामला सामने आया है. इन सर्टिफिकेट की जांच रिपोर्ट आने पर 10 चयनित आवेदक पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश हुआ है.
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