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ऑडिट टीम पहुंचने से पहले ही गायब हो जाते हैं शिक्षक

जिले में 38 विद्यालयों का होना है सोशल ऑडिट शिक्षा विभाग पर सोशल ऑडिट में सहयोग नहीं करने की शिकायत लातेहार : समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यक्रम एवं मध्याह्न भोजन कार्यक्रम का एक साथ तृतीय पक्ष सामाजिक अंकेक्षण कराया जा रहा है. उपरोक्त अंकेक्षण जिले के कुल 38 विद्यालयों में होना सुनिश्चित किया गया […]

जिले में 38 विद्यालयों का होना है सोशल ऑडिट

शिक्षा विभाग पर सोशल ऑडिट में सहयोग नहीं करने की शिकायत
लातेहार : समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यक्रम एवं मध्याह्न भोजन कार्यक्रम का एक साथ तृतीय पक्ष सामाजिक अंकेक्षण कराया जा रहा है. उपरोक्त अंकेक्षण जिले के कुल 38 विद्यालयों में होना सुनिश्चित किया गया है और इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक ऑडिट टीम गठित किया गया है. ऑडिट टीम के डीआरपी प्रवीण कुमार कर्ण ने बताया कि शनिवार को उनकी अगुआई में टीम चंदवा प्रखंड के कामता कन्या मध्य विद्यालय में सोशल ऑडिट करने गयी थी, लेकिन वहां के प्रधानाचार्य गणेश पासवान ने ऑडिट में सहयोग नहीं किया. नतीजतन ऑडिटर बगैर काम किये वापस लौट गये.
शुक्रवार को भी ऐसा ही वाकया मध्य विद्यालय बालूमाथ में हुआ, जब वहां के प्रधानाचार्य ने ऑडिट टीम को दस्तावेज उपलब्ध कराने से यह कह कर इंकार कर दिया कि वे क्षेत्र शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय आये हुए हैं. मंगलवार को ऑडिट टीम राजकीय मध्य विद्यालय कुमांडीह में जब दस्तावेजों की मांग की गयी तो प्रधानाचार्य विनय कुमार सिंह चुपके से विद्यालय से निकल लिये. ऑडिट टीम ने दूरभाष पर उनसे बात की तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला दिया. ऐसी ही स्थिति राजकीयकृत कन्या मध्य विद्यालय बरवाडीह की है. जहां प्रधानाध्यापिका शांति कुमारी ने ऑडिट नहीं कराने की वजह लिखित रूप में दे कर बताया है कि उनके विद्यालय में परीक्षा चल रही है.
मालूम हो समग्र शिक्षा अभियान के इस तृतीय पक्ष सामाजिक अंकेक्षण में वर्गवार छात्र उपस्थिति पंजी, सरस्वती वाहिनी की बैठक पंजी, रोकड़ पंजी, बैंक पासबुक, बिल वाउचर, शिशु पंजी, पाठ्य पुस्तक प्राप्ति पंजी, विभिन्न कीट के लिए प्राप्त राशि पंजी, बच्चों की वर्गवार संख्या, पोशाक वितरण की पंजी, व्यावसायिक प्रशिक्षण कंप्यूटर एवं अन्य रख रखाव पंजी ऑडिट टीम को उपलब्ध कराना है. गौरतलब है कि इस ऑडिट में विद्यालयों की छात्रों, प्राध्यापकों, अभिभावकों, रसोई सदस्यों, बाल संसद के सदस्यों, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों आदि को शामिल करना है. लेकिन समग्र शिक्षा अभियान के विद्यालयों द्वारा सोशल ऑडिट टीम को सहयोग नहीं किया जा रहा है.
पोल खुलने के डर से नहीं कर रहे सहयोग : िक्षा विभाग में व्यापक गड़बड़ियां बरती गयी हैं और सोशल ऑडिट में पोल खुलने की वजह से विद्यालय प्रधानों द्वारा टीम को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत चयनित इन 38 विद्यालयों में सोशल ऑडिट नहीं होने की संभावना है. हालांकि टीम ने उच्चाधिकारियों को इस बाबत शिकायत की है, लेकिन अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.
इन विद्यालयों में करोड़ों रुपये के पाठ्य पुस्तक, उपस्कर, पोशाक, विज्ञान कीट, मनोरंजन कीट आदि की खरीद की गयी है. सोशल ऑडिट से अनियमितता उजागर होने की संभावना है. मालूम हो कि राज्य परियोजना निदेशक उमा शंकर सिंह द्वारा राज्य के कुल 1256 विद्यालयों में सामाजिक अंकेक्षण की सूची दी गयी है.

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