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आज भारत में अभिनंदन: डिप्लोमैसी के जरिये हिंदुस्तान ने जीती मुश्किल लड़ाई, 30 घंटे में ऐसे बनी बात
भारत ने पहले दिन से ही साफ कर दिया था कि वह अभिनंदन की बिना शर्त रिहाई चाहता है नयी दिल्ली : भारत पाकिस्तान के बीच पुलवामा हमले के बाद से ही तनाव चरम पर पहुंच गया था. खासतौर पर विंग कमांडर अभिनंदन के पाकिस्तान के कब्जे में आ जाने से हालात और बिगड़ गये. […]
भारत ने पहले दिन से ही साफ कर दिया था कि वह अभिनंदन की बिना शर्त रिहाई चाहता है
नयी दिल्ली : भारत पाकिस्तान के बीच पुलवामा हमले के बाद से ही तनाव चरम पर पहुंच गया था. खासतौर पर विंग कमांडर अभिनंदन के पाकिस्तान के कब्जे में आ जाने से हालात और बिगड़ गये. पहले ही दिन भारत ने साफ कर दिया कि वह हर हाल में अभिनंदन की बिना शर्त सकुशल रिहाई चाहता है. भारत का दबाव रंग लाया और गुरुवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अभिनंदन की रिहाई का एलान भी कर दिया. भारत की इस कामयाबी में डिप्लोमैसी ने अहम भूमिका निभायी.
पहली बार दबाव के आगे इतनी जल्दी झुका पाकिस्तान
यह पहला मौका है जब पाकिस्तान ने किसी भारतीय सैनिक को इतनी जल्द छोड़ने का एलान किया है. इससे पहले कई मौकों पर उसने कब्जे में आये भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता की है. जिनेवा संधि का पाकिस्तान ने हर बार उल्लंघन किया है. इससे पहले 1999 करगिल युद्ध के दौरान पायलट अजय आहूजा और कैप्टन सौरभ कालिया के साथ पाकिस्तान ने अमानवीयता की हदें पार कर दी थी. इसी दौरान भारतीय पायलट नचिकेता को पाकिस्तान ने भारी दबाव के बाद कई दिनों बाद छोड़ा था.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने बड़े जोर-शोर से उठाया था मामला
अभिनंदन की रिहाई में भारत की डिप्लोमैसी ने बड़ा काम किया. भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामले को उठाया. सभी बड़े देशों और मित्र देशों को पाकिस्तान की कारगुजारी के बारे में बताया. अमेरिका ने भी भारत की बात को समझा और बड़ी भूमिका अदा की. डोनाल्ड ट्रंप ने दिन में ही कह दिया था कि आज शाम तक कोई अच्छी खबर मिलेगी. ट्रंप ने पुलवामा हमले के बाद भी कहा था कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है. अगले कुछ घंटों में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की खबर सामने आ गयी. न सिर्फ अमेरिका बल्कि ब्रिटेन और फ्रांस के जरिये भी पाकिस्तान पर दबाव बनाया गया.
अरब देशों का भी मिला साथ
गुरुवार को भारत में सऊदी अरब के राजदूत सउद मोहम्मद अल-सती ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. हालिया समय में सऊदी अरब भारत के करीब आया है। पाकिस्तान से भी इस देश की घनिष्ठता है. ऐसे में संभव है कि सऊदी के जरिये पाकिस्तान पर अभिनंदन को लेकर दबाव बनाया गया हो.
30 घंटे में ऐसे बनी बात
बुधवार शाम को जब पूरी तरह साफ हो गया कि अभिनंदन पाक सेना के कब्जे में है, तो भारत ने सख्त लहजे में कहा कि वे जल्द उसे वापस करें.
रात होते-होते भारत हर कूटनीतिक दरवाजे को खोल चुका था.
गुरुवार सुबह करीब नौ बजे खबर आयी कि एनएसए डोभाल ने यूएस के विदेश मंत्री से फोन पर बात की.
पाक स्थित भारतीय उच्चायोग ने पाक विदेश मंत्रालय को आपत्ति पत्र (डिमार्शे) सौंपकर अभिनंदन की तुरंत रिहाई की मांग की.
दोपहर करीब 12 बजे पता लगा कि पाक ब्लैकमेलिंग के मूड में है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अच्छी खबर सामने आने वाली है.
पाक विदेश मंत्री ने कहा कि इमरान मोदी के साथ बातचीत को तैयार हैं.
दोपहर करीब तीन बजे भारत ने दोहराया कि अभिनंदन को खरोंच भी आयी तो कड़ी कार्रवाई होगी.
शाम करीब 4.30 बजे- पाक ने आखिरकार झुकते हुए कहा कि वह अभिनंदन को छोड़ने को तैयार है.
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