– पहली बार शहीद के परिजनों के चेहरे पर दिखी थोड़ी राहत
-पिता ने कहा- श्राद्ध के बाद हम कर रहे थे शांति पाठ, इसी दौरान हमले की सूचना से बेटे की आत्मा को जरूर मिली होगी शांति, पर बदला अभी अधूरा
भागलपुर (सन्हौला) : पुलवामा में आतंकी हमले के बाद से ही गुस्से और गम से उद्वेलित था शहीद रतन कुमार ठाकुर का गांव रतनपुर. बच्चे-से बूढ़े तक के दिल में बदले की आग धधक रही थी. लेकिन, मंगलवार को जैसे ही गांव में यह खबर फैली कि भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक कर बम बरसाये हैं, तो गांव का माहौल ही बदल गया. लोग होली-दीवाली सी खुशी का इजहार करने लगे. अबीर-गुलाल उड़ाये जाने लगे और गांव की गली-गली में पटाखे छोड़े जाने लगे.
बेचैन चेहरों पर थोड़े संतोष के भाव तो झलके, पर दिल की आग ठंड करने के लिये इससे भी बड़ी कार्रवाई की जरूरत गांव के लोगों ने जतायी. ग्रामीणों ने हमले को लेकर भारतीय सैनिकों के पराक्रम को सैल्यूट किया और आतंकियों को सबक सिखाने और अपनी ताकत का एहसास कराने के लिये लगातार हमले करने को कहा.
पिता ने कहा- बेटे की आत्मा को जरूर मिली होगी शांति, पर बदला अभी अधूरा
वहीं, शहीद के पिता राम निरंजन ठाकुर ने कहा कि रतन के श्राद्ध कर्म के बाद वे मंगलवार को शांति पाठ कर रहे थे. इसी दौरान पाकिस्तान पर हमले की सूचना से बेटे की आत्मा को शांति जरूर मिली होगी, लेकिन बदला अभी अधूरा है. हमले की खबर सुनने के बाद गांव के घर-घर से लोग निकल पड़े. शहीद रतन कुमार ठाकुर के घर के सामने भीड़ लग गयी. लोग होली-दीवाली मनाने लगे.
‘इस हमले से खुश हूं. बेटे के श्राद्ध कर्म के बाद शांति पाठ के समय हमले की सूचना से बेटे की आत्मा को शांति जरूर मिली होगी. लेकिन आज एक अधीन बाप का जिस तरह आंसू जा रहा है, उसी तरह पाकिस्तान के एक लाख बाप के आंखों से आंसू जाना चाहिए. एक लाख मां की कोख सूनी होनी चाहिए और एक लाख महिलाओं की मांग उजड़नी चाहिए. यही हमारा संकल्प है. यह पूरा होगा, तभी शहीदों के परिजनों को शांति मिलेगी.’ राम निरंजन ठाकुर (शहीद रतन कुमार ठाकुर के पिता)
शहीद की पत्नी ने कहा- पूरा पाकिस्तान खत्म हो जाना चाहिए
‘300 आतंकियों के मरने से कुछ नहीं होने वाला. बर्बादी ही उनका लक्ष्य बन कर रह गया है. पूरा पाकिस्तान खत्म हो जाना चाहिए. इसके बाद ही दिल में धधक रही आग शांत पड़ेगी. आज पाकिस्तान ने जो दर्द दिया है, उसे वह ज्यादा महसूस कर रहा है, जिसके परिवार उसे आज झेल रहे हैं.’ राजनंदनी कुमारी (शहीद रतन कुमार ठाकुर की पत्नी)