19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में जल्द काम करेगा आई बैंक

राज कुमार मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच में जल्द ही आई बैंक सुविधा शुरू होगी. यानी, अब कोई भी डोनर एसकेएमसीएच आई बैंक में अपनी आंखें दान कर सकेगा, जिससे किसी नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में रोशनी आ सकेगी. आई बैंक के साथ आई ट्रांसप्लांट की व्यवस्था भी होगी. आई बैंक […]

राज कुमार
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच में जल्द ही आई बैंक सुविधा शुरू होगी. यानी, अब कोई भी डोनर एसकेएमसीएच आई बैंक में अपनी आंखें दान कर सकेगा, जिससे किसी नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में रोशनी आ सकेगी. आई बैंक के साथ आई ट्रांसप्लांट की व्यवस्था भी होगी. आई बैंक में दान की गयी आंखों को संरक्षित भी किया जा सकेगा. बैंक खुल जाने से इच्छुक लोग नेत्रदान कर सकेंगे.
कैसे मिलेगा मरीजों को लाभ : अगर कोई मरीज अंधापन का शिकार है तो उसे डॉक्टर से दिखाना होगा. डॉक्टर अपनी रिपोट में आई ट्रांसप्लांट कराने की अनुशंसा करते हैं, तो मरीज को एसकेएमसीएच के आई विभाग में दिखाना होगा. इसके बाद आई बैंक के डॉक्टर मरीज को देख कर पुष्टि करेंगे कि उसका कॉर्निया ट्रांसप्लांट होगा या नहीं. इसके बाद ही मरीज को आई ट्रांसप्लांट किया जायेगा.
आंख दान कराने के लिए करेंगे मोटिवेटर : आंख दान कराने के लिए अस्पताल में मोटिवेटर व काउंसलर की नियुक्ति होगी. तो आई डोनेट करने वाले इच्छुक लोगों को मोटिवेट करेंगे. काउंसलर के पास एक रजिस्टर होगी. वे इच्छुक दानकर्ता की लिस्ट तैयार करेंगे. इसमें दानकर्ता का पूरा पता, मोबाइल नंबर दर्ज करेंगे. फाॅर्म तैयार कर इच्छुक दानकर्ता को शपथदिलायी जायेगी.
कैसे मिलेगी मरीज को कॉर्निया
विभाग में आने वाले दृष्टिहीन लोगों की एक रजिस्टर तैयार कर उन्हें सूचीबद्ध किया जायेगा. इसमें मरीज का नाम पता व मोबाइल नंबर दर्ज होगा. आई बैंक में कॉर्निया उपलब्ध होने पर मरीज से संपर्क किया जायेगा. इसके बाद कॉर्निया डोनेट होने के छह घंटे के अंदर मरीज में ट्रांसप्लांट कर दिया जायेगा. इससे अंधे मरीज की आंखो की रौशनी लौट आयेगी.
डॉक्टरों को मिला प्रशिक्षण
आई बैंक आंख विभाग के अंदर काम करेगा. आई बैंक के हेड आंख विभाग के विभागाध्यक्ष को बनाया गया है. इसके लिए आई विभाग के तीन डॉक्टर ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने के लिए प्रशिक्षित हो चुके हैं. इनमें डॉ आरके सिंह, डॉ राकेश कुमार व डॉ निरुपमा कुमारी शामिल हैं.
कैसे काम करेगी टीम
आई डोनर के ब्रेन डेथ के पूर्व अगर मरीज के परिजन विभाग को सूचित करते हैं तो टीम एंबुलेंस से डोनर के पास पहुंचेगी. डोनर से कॉर्निया लेकर अस्पताल आ जायेगी. इसके बाद जिन्हें कॉर्निया दिया जाना है, उससे संपर्क करेगी. इसके बाद मरीज में कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर दिया जायेगा.
आई बैंक के लिए जल्द ही तकनीशियन की नियुक्ति की जायेगी. आई बैंक को शुरू करने के लिए कागजी प्रक्रिया की जा रही है. जल्द ही यह काम करने लगेगा.
डॉ आरके सिंह, विभागाध्यक्ष आंख विभाग, एसकेएमसीएच

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें