नयी दिल्ली/भागलपुर :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में पुलवामा हमले के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देतेहुए कहा कि सुरक्षाबलों ने हमले के बादसौ घंटे के भीतर ही आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है. वीर सैनिकों की शहादत के बाद उनके परिवारों के द्वारा जो प्ररेणा दी गयी है, वह देश के हौंसले को बल देता है. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन जी ने, दुःख की इस घड़ी में भी जिस जज्बे का परिचय दिया है, वह हम सबको प्रेरित करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 53वीं बार ‘मन की बात’ करते हुए पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए देश के सभी शहीद सपूतों को नमन किया और बिहार के शहीद रतन कुमार ठाकुर के परिजनों का विशेष तौर पर जिक्र किया. पीएम मोदी ने शहीद रतन के पिता को देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया. उन्होंने कहा कि वे अपने दूसरे बेटे को भी दुश्मनों से लड़ने के लिए भेजेंगे और जरुरत पड़ी तो खुद भी लड़ने जायेंगे.
बिहार के भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन जी ने, दुःख की इस घड़ी में भी जिस ज़ज्बे का परिचय दिया है, वह हम सबको प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि वे अपने दूसरे बेटे को भी दुश्मनों से लड़ने के लिए भेजेंगे और जरुरत पड़ी तो ख़ुद भी लड़ने जाएँगे. #MannKiBaat pic.twitter.com/4xixnayFX4
— Akashvani आकाशवाणी (@AkashvaniAIR) February 24, 2019
वहीं, पीएम मोदी ने झारखंड गुमला के शहीद विजय सोरेंग का नाम लेते हुए कहा कि जब उनका शव तिरंगे लिपटा हुआ गुमला पहुंचा तो मासूम बेटे ने कहा कि मैं भी फौज में जाऊंगा. उन्होंने कहा इस मासूम का जज्बा आज भारतवर्ष के भावनाओं को व्यक्त करता है. ऐसे ही भावनाएं हमारे वीर शहीदों के घर-घर में देखने को मिला है.
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के शहीद 40 जवानों में बिहार के दो सपूत भी थे. इनमें पटना के तारेगना निवासी हेड कांस्टेबल संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के कहलगांव निवासी रतन कुमार ठाकुर थे. पीएम मोदी ने शहीदों के नाम पर एक नया शहीद स्मारक के बारे में बताया कि दिल्ली के इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति से थोड़ी ही दूरी पर एक नया स्मारक तैयार किया गया है. यह राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद शहीद जवानों कृतज्ञता का प्रतीक है. यह लोगों के लिए एक तीर्थ स्थल से कम नहीं होगा.
मन की बात में पीएम मोदी ने किसान चाची के नाम से मशहूर राजकुमारी देवी का भी जिक्र किया और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उनके प्रयासों की सराहना की.
किसान चाची ने अपने इलाके की 300 महिलाओं को ‘Self Help Group’ से जोड़ा और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने गाँव की महिलाओं को खेती के साथ ही रोज़गार के अन्य साधनों का प्रशिक्षण दिया. #MannKiBaat pic.twitter.com/jdZDi2r8Qo
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