श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों और उसके समर्थकों के नाक में नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इस बीच सोमवार को कश्मीर को विशेष पहचान देने वाले अनुच्छेद 34A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इसको लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. सुनवाई के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. यही नहीं केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों की 120 कंपनियां जम्मू-कश्मीर भेजी है. यहां आपको बताते चलें कि एक कंपनी में 100 जवान होते हैं.
इस सुनवाई को देखते हुए कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लेने का काम प्रशासन की ओर से किया गया है. शुक्रवार शाम को जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया. पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले के आठ दिन बाद यह कार्रवाई की गयी है. इस भीषण हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 20 से अधिक अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली थी.
आप भी जानें 35A के बारे में
यदि अनुच्छेद 35A की बात करें तो इसमें यह प्रावधान है कि जम्मू कश्मीर के बाहर कर शख्स जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता है. उसके यहां अचल संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंधित हैं. इस प्रावधान को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जम्मू-कश्मीर की ज्यादातर पार्टियां अनुच्छेद 35A के पक्ष में है. अनुच्छेद 35A अनुच्छेद 370 से ही जुड़ा एक तरह का मामला है.