गुमला : झारखंड के गुमला जिले में एक लोमहर्षक घटना सामने आयी है और वह यह है कि मैट्रिक की परीक्षा देने वाली एक छात्रा ने जहर खाकर मौत को गले लगा लिया, लेकिन स्थानीय पुलिस ने बिना किसी जांच-पड़ताल के ही उसे लावारिस घोषित कर दिया. दुख की बात यह है कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी लावारिस लाश के रूप में ही दर्ज की है.
दरअसल, यह मामला झारखंड के गुमला जिले के सदर थाना स्थित सांवरियां की है. इस गांव की 16 साल की छात्रा आशा कुमारी की गुरुवार की देर शाम जहर खाने से मौत हो गयी, वह मैट्रिक की छात्रा है और आगामी 25 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा होनी है. बताया जा रहा है कि उसने मैट्रिक की परीक्षा के लिए पूरी तन्मयता से तैयारी कर ली थी, लेकिन किसी अज्ञात वजह उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी.
मृतका के चचेरे भाई अनिल उरांव ने कहा कि आशा गुरुवार की सुबह टोटो बाजार आयी थी. इसके बाद देर शाम को वह घर लौटी. घर पहुंचते ही उसकी तबीयत बकगड़ने लगी. उसकी तबीयत गंभीर होने के बाद उसकी मां देवमुनी उरांव ने इसकी जानकारी अनिल उरांव को दी. अनिल ने उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां देर रात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
अनिल के अनुसार, आशा ने टोटो या किसी दूसरे स्थान पर खाया, जिससे जहर का असर देर शाम तक पूरे शरीर में फैल गया और देर रात को इलाज के सिलसिले में उसकी मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि आशा की किसी से प्रेम-प्रसंग के मामले में परिजन कुछ भी बताने से इंकार किये हैं. परिजनों के अनुसार, आशा चार भाई-बहन में सबसे बड़ी है.
आशा के पिता मंगलदेव उरांव उत्तर प्रदेश में ईंट-भटठा में मजदूरी करने गया है. चूंकि, इस बार सुखाड़ होने के कारण फसल नहीं हुआ. बच्चों की परवरिश और पढ़ाई का खर्च जुगाड़ करने के लिए मंगलदेव मजदूरी करने उत्तर प्रदेश गया है. वहीं, मृतका आशा की मां देवमुनी उरांइन भी गुमला शहर में आकर मजदूरी करती है.
इधर, पुलिस के अनुसार, देवमुनी ने थाना को अपना बयान दी है, जिसमें उसने कहा है कि चूहा मारने की दवा खाने से आशा की मौत हुई है. दवा क्यों खायी, इसका पता नहीं चल सका है.