नयी दिल्ली : शहरी क्षेत्रों में पांच जीवन बीमा पॉलिसीधारकों में सिर्फ एक के पास ही टर्म बीमा है1 एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है. इसमें कहा गया है कि टर्म बीमा किसी को संरक्षण का सबसे सस्ता रूप है, इसके बावजूद यह स्थिति है. मैक्स लाइफ और कंतार आईएमआरबी के ‘इंडिया प्रोटेक्शन कोशन्ट’ सर्वे के अनुसार, शहरी भारत में संरक्षण या सुरक्षा अनुपात 100 में 35 है. इस सर्वे में देश के 15 महानगरों और टीयर एक शहरों के 4,566 लोगों को शामिल किया गया है.
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मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत त्रिपाठी ने सर्वे जारी करते हुए कहा कि टर्म बीमा वित्तीय सुरक्षा का सबसे बुनियादी और सस्ता तरीका है, लेकिन शहरी भारत में यह अभी तक तेजी से नहीं बढ़ सका है. उन्होंने कहा कि भारतीयों में इसको लेकर समझ बनाने की जरूरत है, जिससे किसी के परिवार को जीवन की अनिश्चितताओं से सुरक्षा कवच दिया जा सके.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस अध्ययन के नतीजों से उपभोक्ता और उद्योग सजग होगा और इससे देश में वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी. सर्वे के अनुसार, शहरी भारत में 66 फीसदी से अधिक लोगों के पास जीवन बीमा कवर है, लेकिन इसमें से मात्र 20 फीसदी के पास ही टर्म बीमा है. 53 फीसदी लोग टर्म बीमा और उसके लाभ से परिचित नहीं हैं.
सर्वे में शामिल 65 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके पास जीवन बीमा है, लेकिन इनमें से मात्र 21 फीसदी के पास ही टर्म बीमा है. टर्म बीमा पॉलिसीधारकों में से 57 फीसदी को अपनी पॉलिसी पर मिलने वाली बीमित राशि की जानकारी नहीं है. इसके अलावा, 70 फीसदी यह समझते हैं कि टर्म बीमा परिवार में कमाने वाले व्यक्ति के लिए लाभदायक है. सर्वे में शामिल 53 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका बीमा कवर अपर्याप्त है.
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