मोकामा : सरकारी स्कूलों के भवन निर्माण पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है ताकि यहां पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूल के तर्ज पर सुविधा मिल सके, लेकिन प्राथमिक विद्यालय, मरांची मुसहरी में स्थिति इतर है. विभाग की लापरवाही से इस विद्यालय का अपना भवन नहीं है. सामुदायिक भवन के एक कमरे में 177 बच्चों की पाठशाला लगती है. बैठने में असुविधा को लेकर बच्चों की उपस्थिति घट रही है.
प्रभात खबर प्रतिनिधि सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे विद्यालय पहुंचे तो 50 बच्चे वहां मौजूद थे. इसमें एक कमरे में 40 बच्चे, जबकि बरामदे में 10 बच्चे पढ़ रहे थे. प्रभारी शिक्षका संगीता कुमारी ने बताया कि तकरीबन 125 बच्चे उपस्थित हुए थे, लेकिन कई बच्चे मध्याह्न भोजन के बाद घर चले गये. विद्यालय में बच्चों के बैठने की प्रर्याप्त जगह नहीं है. भवन के एनएच किनारे होने को लेकर हादसे की आशंका बनी रहती है.
स्कूल की बाउंड्री नहीं होने पर छात्र अक्सर क्लास से भाग जाते हैं. स्कूल के भवन का निर्माण जमीन उपलब्ध नहीं होने को लेकर बाधित है. मुहल्ले के अंदर बने दूसरे सामुदायिक भवन में फिलहाल विद्यालय के स्थानांतरण की अर्जी दी गयी है. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो सकेगी. स्थानीय लोगों ने बताया कि अमूमन 50 से 60 बच्चों की स्कूल में उपस्थिति रहती है. विद्यालय की जांच में अधिकारियों का टाल-मटोल रवैया है.
संसाधन के अभाव में स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था लचर है. इससे महादलित बस्ती के बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से शिकायत की गयी लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं देते हैं. इससे हमारे बच्चों का भविष्ट खराब हो रहा है, जबकि सरकार शिक्षा पर इतना जोर दे रही है तब यह हाल है.
क्या कहते हैं मुखिया
जमीन के अभाव में स्कूल का भवन निर्माण रुका है. एक कमरे वाले सामुदायिक भवन में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यालय को जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
रामकुमार सिंह, मुखिया मरांची उत्तरी पंचायत