बेंगलुरु : केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने सोमवार को कहा कि देश के दवा उद्योग को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना ‘आयुष्मान भारत’ में सक्रिय भूमिका अदा करने की संभावनाओं को देखना चाहिए, ताकि देश में स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बनाया जा सके. भारतीय दवा एवं चिकित्सा उपकरण सम्मेलन-2019 को संबोधित करते हुए यहां गौड़ा ने उद्योग प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि उच्च गुणवत्ता की आपूर्ति वाली जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति और उसके विनिर्माण में शीर्ष स्तर पर बनाये रखने के लिए सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जायेगी. गौड़ा के पास रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय का प्रभार है.
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दुनिया के कई विकसित और विकासशील देशों में सस्ती और बेहतर जेनेरिक दवाएं करने वाला भारत शीर्ष देश है. उन्होंने कहा कि हम उच्च कोटि के विज्ञान, तकनीक, कारोबारी समझ और मूल्यों के आधार पर अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे. हम भारत में कारोबार सुगमता के लिए लगातार काम करना जारी रखेंगे और इसके लिए पहले ही कई कदम उठाये जा चुके हैं.
गौड़ा ने कहा कि यह सम्मेलन बाजार में नयी, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं लाने के देश में नवोन्मेष और रणनीति तय करने में मदद करने वाला एक आदर्श मंच बनेगा. उन्होंने कहा कि मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि दवा उद्योग क्षेत्र यह तय करे कि वह कैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में सक्रिय भागीदारी निभा सकता है. यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकार पोषित स्वास्थ्य योजना है.
सरकार ने पिछले साल सितंबर में आयुष्मान भारत योजना पेश की थी. इसका मकसद 10 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये वार्षिक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है.
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