केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से ‘सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र’ का दर्जा वापस ले लिया है. यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के तहत दोनों देशों के बीच कारोबार को आसान बनाने के लिए भारत ने उसे दे रखा था.
पुलवामा हमले की अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी सहित अन्य प्रमुख देशों ने भी एक सुर में निंदा की है, लेकिन चीन दबे स्वर में पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. जैश-ए-मोहम्मद ने नवंबर 1999 में जम्मू-कश्मीर में पहला फिदायीन हमला किया था. पुलवामा की यह दूसरी ऐसी घटना है, जिसमें जैश ने किसी आत्मघाती हमलावर का प्रयोग किया. वह जिस तरह से ऐसे हमलों के लिए स्थानीय युवाओं को प्रेरित कर रहा है, वह बेहद चिंतित करने वाला है.
इसको रोका जाना जरूरी है. युवाओं को बहका कर उनकी जान लेने का बहुत ही खतरनाक खेल जैश खेल रहा है. सरकार को इस समस्या की जड़ पर प्रहार चाहिए चाहिए. हम ऐसे ही अपने जवान नहीं गंवा सकते.
डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर