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सफल निवेश के लिए एसेट एलोकेशन में बदलाव जरूरी

पुष्पराज श्रीवास्तव, निवेश सलाहकार हम सभी अपने जीवन में छोटी-छोटी बचत के साथ निवेश भी करते हैं, जिससे जीवन में आनेवाले विभिन्न वित्तीय लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सके. जैसे बच्चों की शिक्षा, शादी, मकान, विदेश की सैर इत्यादि. निवेश के बहुत सारे विकल्प बाजार में मौजूद हैं, लेकिन लोग अपनी जरूरतों और […]

पुष्पराज श्रीवास्तव, निवेश सलाहकार
हम सभी अपने जीवन में छोटी-छोटी बचत के साथ निवेश भी करते हैं, जिससे जीवन में आनेवाले विभिन्न वित्तीय लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सके. जैसे बच्चों की शिक्षा, शादी, मकान, विदेश की सैर इत्यादि. निवेश के बहुत सारे विकल्प बाजार में मौजूद हैं, लेकिन लोग अपनी जरूरतों और जोखिम क्षमता के अनुसार ही उसका चयन करते हैं. कुछ लोग अपने निवेश के विकल्प में विविधता बनाये रखते हैं तो कई एक तरह के निवेश में लगातार बने रहते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार किसी एक निवेश विकल्प के साथ स्थायी रूप से नहीं रहना चाहिए. अगर आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं, तो अपने लिए एक ऐसा पोर्टफोलियो तैयार करें, जिसमें विविधता हो. आइए उन कारकों को जाने जो आपके निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और आपको एक सफल निवेशक भी बना सकते हैं.
पहले जाने पोर्टफोलियो को
वित्तीय बाजार में जितने भी निवेश विकल्प उपलब्ध हैं उमें से आपके द्वारा चुने गये विकल्प में आपके द्वारा किये गये सभी निवेश का योग ही आपका पोर्टफोलियो कहलाता है. इसमें इक्विटी स्टॉक, रियल इस्टेट, सोना, बॉन्ड्स आदि हो सकते हैं. इसलिए आपको अपने पोर्टफोलियो पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. आपका पोर्टफोलियो सिर्फ आपकी आवश्यकताओं और लक्ष्यों के अनुसार ही तैयार होता है. और यही आपको एक सफल निवेशक की श्रेणी में खड़ा कर सकता है. एक सफल पोर्टफोलियो बनाने के विभिन्न कारक इस प्रकार हैं.
एसेट आवंटन : एक सफल पोर्टफोलियो बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है निवेश के बीच परिसंपत्तियों को ठीक से बांटना क्योंकि यह निवेश विभिन्न आर्थिक स्थितियों के आधार पर अलग-अलग प्रदर्शन करते हैं. एसेट आवंटन में अच्छा संतुलन रहने से आपका पोर्टफोलियो ही विभिन्न आर्थिक स्थितियों में आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाये रखता है.
निवेश के लक्ष्य, जोखिम क्षमता व समय पर रखें फोकस
एसेट एलोकेशन की योजना बनाते समय इस बात पर विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आपने अपने जीवन में जो वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके लिए आपकी जोखिम क्षमता कैसी है और आप कितने समय तक इस निवेश में बने रह सकते हैं. इन तीन महत्वपूर्ण कारकों को ध्यान रखते हुए आप आसानी से तय कर सकते हैं कि आपको किस समय कितना पैसा निवेश करना चाहिए. इसके साथ ही यह निर्धारित कर सकेंगे कि उम्र के विभिन्न पड़ाव में आनेवाली अनिश्चितता की स्थिति का सामना करने में आप कितना सक्षम हो सकेंगे. इसलिए सबसे जरूरी है आप अपनी जोखिम क्षमता को पहचाने, निवेश की समयावधि को तय करें और तय करें कि आपके जीवन के वित्तीय लक्ष्य क्या हैं.
एसेट आवंटन की भूमिका सबसे बड़ी
आमतौर पर लोग सोचते हैं कि मार्केट में रिटर्न बनाते समय मार्केट टाइमिंग, सुरक्षा चयन और अन्य चीजें महत्वपूर्ण होती है, लेकिन वास्तव में सफल निवेश के लिए एसेट आवंटन 91.50% भूमिका निभाता है. अन्य सभी कारक मात्र 8.5% की ही भूमिका निभाते हैं.
सही निवेश विकल्प का चुनाव
एक बार जब आप उपयुक्त समय और अपनी जोखिम क्षमता को तय कर लेते हैं, तो अगला कदम होता है निवेश विकल्पों का चुनाव करना. ऐसे विकल्प का चुनाव करना जो आपकी प्रोफाइल के लिए सबसे अच्छे हों. अधिक जोखिम वाले विकल्प में अच्छे रिटर्न की गुंजाइश रहती है लेकिन अगर उनको आसानी से प्राप्त करने का विकल्प न हो, तो ये विकल्प आप पर भारी पड़ सकते हैं.
इक्विटी : इक्विटी में निवेश करना निवेशकों को लंबी अवधि में सबसे अच्छा रिटर्न प्राप्त करने की संभावनाएं प्रदान करता है. ऐतिहासिक रूप से इक्विटी ने अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में बहुत ही बेहतर रिटर्न दिये हैं लेकिन यह बात भी सच है कि इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता. ये हमेशा से अप्रत्याशित ही होते हैं.
निश्चित आय के निवेश विकल्प : यह अपेक्षाकृत कम रिटर्न के साथ सुरक्षित निवेश विकल्प होता है. इसमें रिटर्न पूर्व निर्धारित होती है और यह बाजार के चाल से अधिक प्रभावित नहीं होता.
म्यूचुअल फंड के माध्यम से करें एसेट एलोकेशन
म्यूचुअल फंड में एसेट एलोकेशन फंड एक ऐसा विकल्प है जो अलग-अलग निवेश प्रोफाइल के अनुरूप स्टॉक, बॉन्ड और अन्य निवेश इंस्ट्रूमेंट में आवंटन प्रदान करते हैं. अभी बाजार में दो प्रकार के एसेट एलोकेशन म्यूचुअल फंड हैं.
1 स्टेटिक एसेट एलोकेशन फंड्स: इन फंडों में विभिन्न एसेट क्लास के अनुपात अपेक्षाकृत पूर्व निर्धारित होते हैं. इसमें संतुलन तब किया जाता है जब उसके अंदर की परिसंपत्तियों के मूल्याकंन में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है.
2 डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड्स : इस तरह के फंड विभिन्न आर्थिक संकेतकों के आधार पर तैयार की गयी एक मॉडल आधारित दृष्टिकोण का पालन करते हैं. मॉडल इन निधियों के परिसंपत्ति आवंटन पैटर्न का मार्गदर्शन करता है. आर्थिक स्थितियों में बदलाव ही विभिन्न एसेट क्लास में निवेश के आवंटन को निर्देशित करता है.
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड विभिन्न बाजार चक्रों में अपेक्षाकृत बेहतर निवेश विकल्प साबित हुए हैं. यह मनुष्य के अंदर के दो प्रमुख भाव लालच और भय, दोनों को खत्म करने में मदद करते हैं. यह एक ऐसे सिद्धांत पर काम करता है जिसमें कहा गया है कि जब दूसरे लालची हों, तो आप भय में रहें और जब दूसरे भय में हों, तो आप लालची बनें. यानी कम मूल्य होने पर खरीद करने और उच्च मूल्य पर बेचने के सिद्धांत पर काम करता है.
फंड्स ऑफ फंड्स : इसी श्रेणी में फंड्स ऑफ फंड्स भी उपलब्ध है, जो इक्विटी म्यूचुअल फंड और डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करके समाधान प्रदान करता है.
सही समय पर पोर्टफोलियों का संतुलन बनाने के फायदे
एसेट एलोकेशन फंड्स का एक फायदा यह है कि इसमें विभिन्न एसेट क्लास के बीच तय किये गये आवंटन को बनाये रखने के लिए उन्हें लगातार रीबैलेंस किया जाता है. वर्तमान आर्थिक स्थिति के अनुसार ही एसेट एलोकेशन फंड तय की गयी एसेट क्लास में निवेश सुनिश्चित करता है.

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