नयी दिल्ली : शिवसेना के एक सदस्य ने लोकसभा में बुधवार को कहा कि सरकार ने पांच साल में देशहित में अच्छा काम किया है और अपेक्षा है कि फिर से देश में राजग की सरकार आयेगी.
शिवसेना सदस्य आनंद राव अडसुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने विदेशों में देश की छवि को ऊंचा किया है. संसद के बजट सत्र के अनिश्चिकाल के लिए स्थगित होने से पहले दलीय नेताओं के पारंपरिक संबोधन की कड़ी में अडसुल ने कहा कि सरकार ने पांच साल में देशहित में अच्छा काम किया है. सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष को भी इस बात को कबूल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की छवि को विदेशों में ऊंचा किया है. इस पर हमें गर्व होता है. सत्तारूढ़ राजग में शामिल पार्टी के सदस्य ने कहा, जो सहयोग हमें देना चाहिए, हमने अच्छे मन से देने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि चुनाव आते जाते रहते हैं, जीत-हार होती रहती है, लेकिन अपेक्षा है कि एक बार फिर बहुमत से राजग की सरकार बने. हालांकि, विपक्ष भी मजबूत होना चाहिए.
हलांकि,दो दिन पहले ही शिवसेना ने केंद्र की भाजपा की आलोचना करते हुए इस दावे का उपहास उड़ाया कि वह आगामी आम चुनावों में फिर सत्ता में वापसी करेगी. शिवसेना ने भाजपा के इस दावे को भी खारिज कर दिया था वह महाराष्ट्र में कुल 48 में से 43 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी. शिवसेना ने सवाल किया था कि भाजपा शासित राज्य में कई समस्याएं होने और उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के साथ गठबंधन पर बातचीत अब भी अधर में होने के बावजूद यह पार्टी इतनी अधिक सीटें जीतने की कैसे सोच सकती है. भाजपा ने हालांकि भरोसा जताया है कि उसका शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन हो जायेगा. दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा प्रमुख रावसाहेब दानवे ने दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में लोकसभा चुनावों में 2014 में जीती गयीं सीटों से एक अधिक 43 सीटें जीतेगी. महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं जो उत्तर प्रदेश (80) के बाद सबसे अधिक है. सनद रहे कि फिलहाल केंद्र और राज्य में राजग के घटक दल शिवसेना ने पिछले साल भविष्य में होनेवाले सभी चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की थी.
शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में दावा किया कि राज्य इस समय कई मुद्दों से घिरा हुआ है. इसमें दावा किया गया, भाजपा नीत सरकार ने अहमदनगर में किसानों की बेटियों का आंदोलन कुचलने का प्रयास किया. प्याज की खेती करनेवालों और दुग्ध उत्पाद बेचनेवालों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. शिक्षक सरकारी स्कूलों में 24,000 रिक्त पदों को भरने की मांग कर रहे हैं, जबकि एक हजार से अधिक बच्चों की बीते चार वर्ष में सरकारी आश्रय स्थलों में मौत हुई है. इसमें कहा गया कि सरकार के पास इन मुद्दों का कोई समाधान नहीं है, लेकिन उसे राज्य में 43 लोकसभा सीटें जीतने का विश्वास है. ‘सामना’ में कहा गया, राजनीति को जनता के मुद्दों से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. जिस तरह से ठंड में कई बार ओस जम जाती है, शासकों का दिमाग भी जम गया है.