नयी दिल्ली : संसद के दोनों सदनों की बैठक बुधवार को अनिश्वितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी. संसद सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी.
राज्यसभा में लगभग पूरा सत्र विभिन्न दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गया तथा पूरे सत्र में महज तीन घंटे से कुछ अधिक समय ही काम हो पाया. वहीं, 16वीं लोकसभा के अंतिम सत्र में निचले सदल में हालांकि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्तक्षेप भी किया. इसके अलावा अंतरिम बजट एवं वित्त विधेयक पर भी चर्चा हुई जिनपर वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया और सदन ने इन्हें मंजूरी दी. सदन में पोंजी स्कीम संबंधी विधेयक और जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई और सदन ने इन्हें पारित किया. वहीं, राज्यसभा में सत्र के अंतिम दिन अंतरिम बजट और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को बिना चर्चा के मंजूरी दे दी गयी. सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति एम वेंकैया नायडू ने अपने पारंपरिक उद्बोधन में सत्र को गंवा दिया गया अवसर बताया और उम्मीद जतायी कि अगले सत्र में विभिन्न दलों के सदस्य सकारात्मक योगदान देंगे.
नायडू ने कहा कि वर्तमान सत्र में होनेवाली कुल दस बैठकों में कामकाज के 48 घंटों में से करीब 44 घंटे हंगामे की भेंट चढ़ गये. इस दौरान कुल पांच विधेयक पारित किये गये या लौटाये गये और सदन के कामकाज का प्रतिशत मात्र 4.9 रहा. सत्र के दौरान छह विधेयकों को पेश किया गया. इस दौरान हंगामे के कारण विशेष उल्लेख के जरिये कोई भी लोक महत्व का मुद्दा नहीं उठाया जा सका. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन की पीठासीन अधिकारी के रूप में मेरा सदैव यह प्रयास रहा कि सभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी प्रतिनिधियों को अवसर देकर सभी मुद्दों पर गुणवत्तापूर्ण वाद-विवाद को प्रोत्साहन दिया जाये और सभा के कार्य-संचालन को सरल, सहज और सुव्यवस्थित बनाया जाये.
अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय स्थायी समितियों और संसदीय समितियों का कामकाज भी वर्तमान लोकसभा में प्रभावी और कुशल रहा. उन्होंने कहा कि अब उचित समय आ गया जब हम इस बात का आत्मावलोकन करें कि बीते पांच साल में जन अपेक्षाओं की कसौटी पर इस सदन की क्या उलब्धियां रही और किन विषयों पर हमें और काम करना है, इसका हम निष्पक्ष विश्लेषण करें. 16वीं लोकसभा के दौरान सदन की कुल 331 बैठकें हुईं. 18 मई 2014 को 16वीं लोकसभा के गठन से लेकर अब तक सदन में कुल 219 विधेयक पेश किये गये, 205 सरकारी विधेयकों को सदन ने मंजूरी दी और नौ सरकारी विधेयक वापस लिये गये. सोलहवीं लोकसभा में सदन में सुचारू कामकाज के लिए स्पीकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सभी विपक्षी दलों के नेताओं, संसदीय कार्य मंत्री, लोकसभा महासचिव और सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों आदि का आभार व्यक्त किया. वंदे मातरम की धुन बजाये जाने के बाद राज्यसभा में सभापति और लोकसभा में स्पीकर ने बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.