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आइपीएस ने अपने विद्यालय की बदहाली देखी तो खुद के खर्चे से किया कायाकल्प

नावानगर : नावानगर प्रखंड के मध्य विद्यालय वैना से पढ़ाई कर एक छात्र ने जब मुकाम हासिल किया तो वह स्कूल की व्यवस्था को संवारने दोबारा गांव पहुंच आया. उसने न केवल स्कूल को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के योग्य बनाया. स्कूल को 100 बेंच, 10 से अधिक कुुर्सियां, कंप्यूटर, प्रयोगशाला […]

नावानगर : नावानगर प्रखंड के मध्य विद्यालय वैना से पढ़ाई कर एक छात्र ने जब मुकाम हासिल किया तो वह स्कूल की व्यवस्था को संवारने दोबारा गांव पहुंच आया. उसने न केवल स्कूल को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के योग्य बनाया. स्कूल को 100 बेंच, 10 से अधिक कुुर्सियां, कंप्यूटर, प्रयोगशाला किट सहित पांच लाख से अधिक के संसाधन उपलब्ध कराये हैं. हम बात कर रहे हैं प्रखंड के वैना गांव निवासी स्व राम चीज चौधरी के पुत्र आइपीएस डॉ बिपिन बिहारी चौधरी की, जिनकी पहल से स्कूल का कायाकल्प हुआ है. बता दें इसी स्कूल से विपिन बिहारी ने सातवीं तक की पढ़ाई की.

जब वह गांव आये तो उन्होंने देखा कि स्कूल में एक से छठवीं क्लास तक के बच्चे आज भी बोरी पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. भवन का निर्माण तो हो गया पर स्कूल में बच्चों के पठन-पाठन के लिए अत्याधुनिक संसाधनों की कमी थी. उनकी पहल से अब बच्चे बेंच पर बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे.

स्कूल के शिक्षकों की तालीम से बन सका आइपीएस: डीसीपी डाॅ बिपिन बिहारी ने बताया कि इस विद्यालय के शिक्षकों की तालीम की ही देन है कि मैं एमबीबीएस करके आइपीएस बन सका. ये सब सामान देकर भी मैं इस विद्यालय का कर्ज नहीं चुकता कर सकता हूं. स्कूल के प्रधानाध्यापक श्रीराम सिंह ने कहा कि डॉ बिपिन बिहारी की ओर से किया गया योगदान काफी सराहनीय है. इससे निश्चित रूप से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में लोगों को मदद मिलेगी.

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