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रिटायरमेंट के बाद नियमित आय पाना चाहते हैं तो जरूर करें बचत और फाइनेंशियल प्लानिंग

अपने देश में वरिष्ठ लोगों की संख्या लगभग आठ करोड़ है और इनमें से अधिकांश के पास कोई सुनिश्चित रिटायरमेंट इनकम स्कीम नहीं है. जीवन शैली में हो रहे व्यापक बदलाव के कारण आज रिटायरमेंट के बाद परिवार के सहयोग की अपेक्षा के बदले खुद का सपोर्ट विकसित करने की विवशता सामने आ गयी है. […]

अपने देश में वरिष्ठ लोगों की संख्या लगभग आठ करोड़ है और इनमें से अधिकांश के पास कोई सुनिश्चित रिटायरमेंट इनकम स्कीम नहीं है. जीवन शैली में हो रहे व्यापक बदलाव के कारण आज रिटायरमेंट के बाद परिवार के सहयोग की अपेक्षा के बदले खुद का सपोर्ट विकसित करने की विवशता सामने आ गयी है. जीवन प्रत्याशा बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद का जीवन भी बढ़ गया है और इस लंबे सेवानिवृत्त जीवन को जीने के लिए अधिक फंड की जरूरत होती है. सुकून भरे रिटायरमेंट के लिए जरूरी है बचत और फाइनेंशियल प्लानिंग.
रिटायरमेंट के बाद के खर्चों के लिए लोग अक्सर देर से सोचना शुरू करते हैं. कर्इ लोग तो इसे गंभीरता से लेते ही नहीं हैं. अपने कैरियर के शुरूआती दिनों में रिटायरमेंट के विषय में नहीं सोचते और इसे मानते हैं कि इसके लिए अभी सोचने की जरूरत नहीं है. वे अपने जीवन के अन्य लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हैं जैसे बच्चों की शिक्षा, विवाह, मकान निर्माण या खरीद, सैर-सपाटे, गाड़ियां आदि. सबसे अंत में रिटायरमेंट की चिंता होती है.
इसके चलते रिटायरमेंट के बाद मुश्किलें खड़ी होती हैं क्योंकि उस समय इतनी पूंजी तैयार नहीं होती जो आपकी जीवन शैली को उसी तरह आगे भी बनाये रखने में सहायक हो. अब सवाल उठता है कि जब तक आपकी नियमित आय हो रही है, उस अवधि में कितनी सेविंग की जाये और उसे किस तरह निवेश किया जाये जिससे रिटायरमेंट के बाद भी वही जीवनशैली के साथ जिया जा सके. दूसरे रूप में कह सकते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी आपको आपका वेतन मिलता रहे और आप अपनी सारी जरूरतों को पूरा कर सकें.
जल्दी शुरू करें रिटायरमेंट प्लानिंग तो होगा फायदा ही फायदा
अगर आपकी आय 25 साल की उम्र में 25 हजार रुपये प्रति माह है. और आप इसमें से 10% की दर से बचत करते हैं. 2,500 रुपये का यह योगदान 360 महीने के बाद आपके रिटायरमेंट के समय बढ़कर 87.37 लाख रुपये तक हो जाएगा (12 प्रतिशत की रिटर्न प्राप्ति के अनुसार). अगर आप सालाना बचत में 5 फीसदी का इजाफा करें, तो जमा राशि 15.52 लाख रिटायरमेंट के समय 1.19 करोड़ रुपये हो जाएगी. वहीं अगर 10 फीसदी का इजाफा करते हैं तो कुल पूंजी 1.50 करोड़ हो जायेगी.
35 साल की उम्र में 35 हजार रुपये की मासिक सैलरी के हिसाब से अगर आप 20 फीसदी बचत करते हैं तो रिटयरमेंट पर 69.25 लाख रुपये की रकम तैयार होगी. अगर आप इसमें सालाना 5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दें तो रिटायरमेंट पर 90.44 लाख की रकम तैयार होगाी. वहीं अगर आप सालाना 10 फीसदी का इजाफा करते हैं तो रिटायरमेंट के समय कुल 1.10 करोड़ हो जायेगा.
अगर आप 30 की उम्र से रिटायरमेंट के लिए सेविंग शुरू करते हैं, तो आपको ज्यादा पैसे बचत के लिए अलग करने होंगे. मान लेते हैं कि इतनी उम्र में आपको 30 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं. इस स्थिति में आप 15 फीसदी रिटायरमेंट सेविंग के लिए रखते हैं और उसे 12 फीसदी से रिटर्न पाने वाले विकल्प में निवेश करते हैं तो आपके द्वारा 13.5 लाख रुपया रिटायरमेंट के समय कुल 84.55 लाख रुपये हो जायेगा.
वहीं, इसमें पांच फीसदी का इजाफा किया जाता है तो जमा राशि 21.60 लाख रुपया रिटायरमेंट के समय 1.13 करोड़ हो जायेगा. इस बचत में सालाना 10 फीसदी का इजाफा किया जाए तो आपकी जमा की गयी राशि 29.7 लाख रुपया रिटायरमेंट पर कुल 1.41 करोड़ की रकम तैयार हो जाएगी. यहां भी 12 प्रतिशत का रिटर्न और रिटायरमेंट की उम्र 55 वर्ष माना गया है.
40 साल की उम्र में 40 हजार रुपये प्रति माह कमा रहे हैं. वह 25 फीसदी की बचत रिटायरमेंट के लिए करते हैं तो 180 महीने में कुल राशि 49.96 लाख होगी. अगर सालाना 5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाये तो कुल राशि 62.76 लाख होगी. जबकि 10 फीसदी का इजाफा करने पर यह राशि 75.10 लाख होगी. यह राशि भी कम पड़ जायेगी.
रिटायरमेंट के बाद सैलरी के बराबर कैसे पहुंचेंगेॽ
कैरियर शुरू होते ही नियमित निवेश शुरू कर दें, देर न हो.
शुरुआत भले ही कम पैसों से हो, लेकिन नियमित लगाते रहें. आप एक हजार रुपये के एसआइप से भी रिटायरमेंट सेविंग शुरू कर सकते हैं.
रिटायरमेंट सेविंग लंबा लक्ष्य है, इसलिए पोर्टफोलियो में इक्विटी का हिस्सा ज्यादा होना चाहिए. इक्विटी म्यूचुअल फंड इसके लिए सबसे उपयुक्त हैं.
हर साल बचत की दर में मामूली बढ़ोतरी करने से आप अपने लक्ष्य के जल्दी करीब पहुंचते हैं.
छह चरणों में तैयार करें अपने रिटायरमेंट प्लान
1 अपने लक्ष्य को तय करें : रिटायरमेंट के समय आनेवाली जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले यह निर्धारित करें कि आपको किस समय कितने पैसे की जरूरत होगी.
2 वर्तमान आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करें : वर्तमान में आपके पास नकद कितने पैसे नियमित रूप से मिल रहे हैं, उसके लगातार मिलते रहने की क्या संभावना है, क्या निवेश कर दिया है और उसकी स्थिति क्या है.
3 अपनी जोखिम क्षमता को पहचानें : उम्र के साथ-साथ जोखिम लेने की क्षमता कम होती जाती है. इसलिए आप अपने उम्र के अनुसार अपनी जोखिम क्षमता को पहले पहचान लें.
4 निवेश के विकल्पों को जानें : अपनी आय, जोखिम क्षमता, उम्र आदि को ध्यान में रखते हुए खुद के अनुसार निवेश के विकल्प को तय करें और उसमें विविधता बनाये रखें. जल्दी शुरू करने से पावर ऑफ कंपाउडिंग का लाभ मिलता है.
5 किस में कितना करें निवेश : चुने गये विभिन्न विकल्पों में यह तय करना जरूरी है कि किस विकल्प में कितना निवेश करना है जो आपके लिए फायदेमंद होगा.
6 समय-समय पर अपने पोर्टफोलियों पर नजर बनाये रखें : अपने सभी निवेश पर हमेशा नजर बनाये रखना जरूरी है ताकि किसी भी घटनाक्रम में आप उसमें उचित बदलाव कर बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकें.
अभी से करें शुरूआत
अगर आपने अभी तक अपने रिटायरमेंट प्लानिंग के विषय में कुछ भी नहीं किया है, तो देर नहीं हुई है. आप अभी से इसकी शुरूआत कर सकते हैं.
कैरियर के शुरूआती दौर में
ऐसे लोग जिन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत की है, उनमें जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है, उनके ऊपर कोई पारिवारिक जवाबदेही या वित्तीय बोझ नहीं होता है, वे अपने खर्चे को संयमित करते हुए भविष्य की जरूरतों को पूरा करने योजना बना सकते हैं. ऐसे युवक इक्विटी में लंबी अवधि के लिए निवेश शुरू कर भविष्य के लिए एक बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं.
रिटायरमेंट के करीब
आपकी उम्र 45 से 55 के करीब हो और आपका रिटायरमेंट बिलकुल करीब हो, अपने सभी बचत और निवेश का पुन: मूल्यांकन करें और उसे सुरक्षित बनायें. इस समय जोखिम लेना उचित नहीं होता. अपने खर्चों पर एक बार फिर से गौर करें और उसे कम से कम बनाये रखें ताकि आप अधिक से अधिक बचत कर सकें. अपने बच्चों को पारिवारिक जवाबदेही संभालने दें.

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