हैदराबाद : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने योगगुरु रामदेव के इस बयान पर आपत्ति व्यक्त किया कि भगवान राम न केवल हिंदुओं के बल्कि मुसलमानों के भी पूर्वज थे.
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम किसी की आस्था के विरुद्ध नहीं हैं. लेकिन दूसरों पर अपनी आस्था थोपना गलत है. ऐसी बातें संघ परिवार और आरएसएस द्वारा बार-बार कही जाती हैं.
हम बस इतना कहना चाहते हैं कि भारत में हम मुसलमान अपनी मर्जी से मुसलमान बने हैं. उन्होंने कहा कि किसी ने उनके पूर्वजों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया.
योगगुरु रामदेव ने शुक्रवार को कहा था कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मुद्दा देश के गर्व से जुड़ा है. उन्होंने दावा किया था कि भगवान राम न केवल हिंदुओं के बल्कि मुसलमानों के भी पूर्वज थे.
हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा, ऐसा कहकर आप क्या संदेश देना चाहते हैं. क्या भारत का संविधान बड़ा है या आपकी सोची बड़ी है? संविधान हमें उस धर्म का पालन करने की इजाजत देता है जिसका हम पालन करना चाहें.
उन्होंने कहा, आप किसी की गलत छवि पेश कर रहे हैं. ऐसा आप क्यों कर रहे हैं? देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न को लेकर संसद में अपने बयान की हो रही आलोचना के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, मैं पूछना चाहूंगा कि इसमें गलत क्या है?
ओवैसी ने कथित रूप कहा था कि भारत रत्न ब्राह्मणों और ऊंची जातियों का विशेष क्लब बन गया है.