धनबाद : जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे वासेपुर के फहीम खान, शेरखान, इकबाल खान तथा चीकू खान को रांची की एक अदालत ने शुक्रवार को वाहिद आलम हत्याकांड में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. आरोपियों के खिलाफ रांची जुडिशियल कमिश्नर 13 की अदालत में मामला लंबित था.
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वाहिद हत्याकांड में फहीम खान बरी
धनबाद : जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे वासेपुर के फहीम खान, शेरखान, इकबाल खान तथा चीकू खान को रांची की एक अदालत ने शुक्रवार को वाहिद आलम हत्याकांड में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. आरोपियों के खिलाफ रांची जुडिशियल कमिश्नर 13 की अदालत में मामला लंबित था. इस मामले में मंसूर […]
इस मामले में मंसूर आलम तथा राजू खान का मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है. अदालत में प्रत्यक्षदर्शी गवाह एवं वादी वाहिद आलम के पुत्र सहद आलम ने आरोपियों को पहचानने से इंकार कर दिया. साथ ही आरोपियों का नाम भी अदालत में नहीं बताया. आरोपियों के खिलाफ मरहूम वाहिद आलम के पुत्र सहद आलम ने रांची में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 18 दिसंबर 2009 को अपराह्न ढाई बजे उसके पिता वाहिद आलम अपने रिश्तेदार को छोड़ने हटिया स्टेशन गये थे. वहां से लौटने के क्रम में एक सफेद रंग की क्वालिस गाड़ी उसके पिता के बाइक के पास रुकी.
उसमें से इकबाल खान, मंसूर, राजू, भोलू तथा जिलानी उतरे. पीछे से बाइक पर शेर खान तथा चीकू खान आया. शेर खान ने उसके पिता पर गोली चला दी और कहा कि फहीम खान का काम हो गया है. अदालत में इस मामले के वादी सहद आलम ने भोलू खान, शाहिद कमर तथा जिलानी का नाम बताया था.
उन लोगों को पुलिस ने पहले ही क्लीन चिट दे दी थी. विदित हो कि वासेपुर के साबिर अालम और फहीम खान के बीच लंबे समय से गैंगवार जारी है. वाहिद खान साबिर का भाई था. हाल के दिनों में दोनों खेमे के बीच एक तरह से संघर्ष विराम की स्थिति है.
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