27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रोस्टर प्रणाली पर अध्यादेश या विधेयक लाने के लिये सरकार तैयार : जावड़ेकर

नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को प्रभावित होने से बचाने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने का सरकार ने फैसला किया है . राज्यसभा में इस मुद्दे पर […]

नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को प्रभावित होने से बचाने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने का सरकार ने फैसला किया है . राज्यसभा में इस मुद्दे पर सपा, बसपा एवं अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण पिछले तीन दिनों से जारी गतिरोध पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुये जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली पर उच्चतम न्यायालय में सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. उन्होंने कहा कि अदालत में यह याचिका खारिज होने की स्थिति में सरकार ने अध्यादेश या विधेयक लाने का फैसला किया है.

उल्लेखनीय है कि सपा, बसपा, आप और राजद के सदस्य उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी 13 सूत्री रोस्टर के बजाय 200 सूत्री रोस्टर को वापस लेने के लिये अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग कर रहे हैं. इनकी दलील है कि रोस्टर प्रणाली से अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों का आरक्षण प्रभावित होगा. जावडे़कर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में बताया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर लागू की गयी 200 सूत्री रोस्टर प्रणाली के खिलाफ केन्द्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर विशेष अनुमति याचिका खारिज करने के बाद सरकार अब पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. विपक्ष ने सरकार पर अदालत में लचर पक्ष पेश करने का आरोप लगाते हुये केन्द्र से इस मामले में अध्यादेश लाने की मांग की है.
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘सरकार हमेशा सामाजिक न्याय के पक्ष में है, पुनर्विचार याचिका खारिज होने की स्थिति में हम अध्यादेश या विधेयक लाने का फैसला किया है.” जावड़ेकर ने इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरा होने तक उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्ति या भर्ती प्रक्रिया बंद रहने का भी भरोसा दिलाया. इस बीच सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका पर लचर तरीके से अपना पक्ष रखने के विपक्ष के आरोप के जवाब में जावड़ेकर ने अदालत में बहस के दस्तावेज को सदन पटल पर पेश किया.
उन्होंने बताया कि रोस्टर प्रणाली को समग्र संस्थान के बजाय विभागीय आधार पर लागू करने से विभिन्न वर्गों के आरक्षण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव का सरकार ने अध्ययन कराया है. जावड़ेकर ने बताया ‘‘हमने नया अध्ययन किया है जिसमें लगभग 30 विश्वविद्यालयों की मौजूदा व्यवस्था का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास किया है कि विभागवार रोस्टर प्रणाली लागू करने पर अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को किस प्रकार से नुकसान होगा.”

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें