मुजफ्फरपुर : सरकार की बैंकों के विलय की नीति का यूएफबीयू लगातार विरोध कर रहा है. इसी विलय के विरुद्ध यूएफबीयू ने 6, 13, 20 व 27 फरवरी को चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया. इसके तहत बुधवार को बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) मिठनपुरा आंचलिक कार्यालय पर बैंकरों ने प्रदर्शन किया. इसमें वक्ताओं ने कहा कि अभी कैथोलिक सीरियन बैंक में रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष कर दिया गया है. ऐसे में सरकार की बैंक कर्मचारी विरुद्ध और नीतियां आ सकती है.
इसको लेकर हमारा विरोध है. वक्ताओं ने सरकार की विलय की नीति को देश के लिए खतरनाक बताया. विलय के बाद बैंकों की शाखाएं बंद होंगी, जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बैंकों में कर्मचारियों की छंटनी होगी, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी. विलय के बाद सरकार निजीकरण की ओर से बढ़ेगा.
इसका परिणाम यह होगा सरकारी बैंक जिस तत्परता से सेवा करते हैं, वह सेवा जनता को नहीं मिल पायेगी. क्योंकि निजी बैंकों का मुख्य उद्देश्य केवल खुद का लाभ अर्जन करना है. वहीं, रिटायरमेंट उम्र 60 से 58 करने के प्रयासों की भी भर्त्सना की और सम्मानजनक वेतन समझौते की मांग भी रखी.
साथ ही विलफुल डिफॉल्टर पूंजीपतियों की गिरफ्तारी कर वैसे धोखेबाजों से जनता का पैसा वापस लें. वक्ताओं में यूएफबीयू संयोजक उत्तम कुमार, सह संयोजक चंदन कुमार, एनओबीडब्लू महासचिव उपेंद्र कुमार, बीओआईओए के जनार्दन प्रसाद यादव, एआइबीईए चेयरमैन सच्चिदानंद सिंह, एआईबीओए के मृत्युंजय कुमार, इनबॉक की हिमाद्री दास, एनसीबीइ के अरुण कुमार पांडेय सहित अन्य शामिल थे.