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ओपीडी बंद कराने पहुंचे झासा के पदाधिकारी से भिड़ी डॉक्टर, पूछा, क्या आप चाहते हैं, गर्भवती शॉक में चली जाये और हम हड़ताल करें

रांची : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर राज्य भर के डाॅक्टरों ने बुधवार को दो घंटे (सुबह नौ से 11 बजे) तक हड़ताल की. आइएमए के पदाधिकारियों ने पूरे शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में घूम-घूम कर ओपीडी सेवा बंद करायी. हालांकि, इस दौरान कई डॉक्टरों ने अपने फर्ज से […]

रांची : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर राज्य भर के डाॅक्टरों ने बुधवार को दो घंटे (सुबह नौ से 11 बजे) तक हड़ताल की. आइएमए के पदाधिकारियों ने पूरे शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में घूम-घूम कर ओपीडी सेवा बंद करायी. हालांकि, इस दौरान कई डॉक्टरों ने अपने फर्ज से पीछे हटने से इनकार कर दिया.
मिसाल के तौर पर अस्पताल के ओपीडी को बंद कराने पहुंचे झासा के डॉ विमलेश सिंह गायनी ओपीडी पहुंचे और ड्यूटी दे रही महिला डॉक्टराें से कहा कि आधा घंटा मरीज को देखना बंद कर दें. इस पर महिला डाॅक्टर ने कहा : आप क्या चाहते हैं?
मरीज शॉक में चली जाये और हम हड़ताल करें. जब पर्ची पर कुछ लिखना ही नहीं है, तो क्या हम मरीज का चेहरा देखने के लिए यहां बैठे हैं. हालांकि, सदर अस्पताल के अन्य विभागों के ओपीडी में हड़ताल का खासा असर देखने को मिला. ओपीडी के मरीजों की भीड़ लगी हुई थी, लेकिन डॉक्टर मरीजों को परामर्श नहीं दे रहे थे. यहां गायनी ओपीडी में पहुंची महिलाओं को सुबह नौ बजे से 11 बजे तक इंतजार करना पड़ा.
इनमें ज्यादातर गर्भवती महिलाएं शामिल थीं. सुबह 9:50 बजे एक गर्भवती महिला गायनी ओपीडी में परामर्श लेने आयी थी, लेकिन डॉक्टर ने हड़ताल का हवाला देकर उसे लेबर रूम भेज दिया. महिला को वहां भी परामर्श नहीं मिला. उधर, मेडिसिन ओपीडी में भी डॉक्टर मरीजों को परामर्श नहीं दिया. इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई. वहीं, डाॅग बाइट सेंटर में 11 बजे तक ताला बंद था. इमरजेंसी में पहुंचे समान्य मरीजाें से कहा जा रहा था कि दो घंटे इंतजार कीजिए, उसके बाद ओपीडी शुरू हो जायेगा. वहीं से दवा लिखवा लीजिएगा.
रिम्स में हड़ताल का दिखा मिलाजुला असर : डॉक्टरों की हड़ताल का असर रिम्स में भी दिखा. सुबह नौ बजे ओपीडी खुला व डॉक्टर परामर्श के लिए बैठे, लेकिन जेडीए के पदाधिकारी 10 बजे ओपीडी में पहुंच गये और डॉक्टरों से मरीजों को नहीं देखने का आग्रह किया. इसके बाद करीब 11:30 बजे तक ओपीडी बंद रहा है. ओपीडी इसके बाद शुरू हुआ, जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
निजी अस्पताल व क्लिनिक में नहीं मिला परामर्श : शहर के निजी अस्पताल व क्लिनिक में भी हड़ताल का असर दिखा. डाॅक्टरों ने अपने क्लिनिक में भी मरीजों को परामर्श नहीं दिया. ओपीडी में परामर्श लेने आये मरीजों को दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा. हालांकि, कई अस्पताल व क्लिनिक में मरीजों का इमरजेंसी से परामर्श दिया गया.

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