मुंबई : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से अन्ना हजारे की भूख हड़ताल में हस्तक्षेप करने की अपील की और उससे कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ता की जिंदगी से ना खेले.
ठाकरे ने एक बयान में 81 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता के स्वास्थ्य पर चिंता जतायी. केंद्र और महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार रोधी लोकपाल की तत्काल नियुक्ति की मांग को लेकर हजारे के अनिश्चिकालीन अनशन का रविवार को पांचवां दिन है. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के उस कथित पत्र को निंदनीय और हास्यास्पद बताया जिसमें हजारे के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की गई है.
हजारे के समर्थकों ने दावा किया था कि गांधीवादी कार्यकर्ता द्वारा भेजे पत्र पर उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली. शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि हजारे की लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है जिसका देश सामना कर रहा है. उन्होंने हजारे से अनशन कर अपनी जान दांव पर लगाने के बजाय लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए अपनी लड़ाई को सड़कों पर ले जाने के लिए कहा.
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, मौजूदा समय में देश में लोगों को ‘एनेस्थीसिया’ दिया गया है और उन्हें इस स्थिति से बाहर निकालने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि हजारे को नयी क्रांति लाने में जयप्रकाश नारायण की भूमिका निभानी चाहिए. ठाकरे ने कहा कि कार्यकर्ता जी डी अग्रवाल ने स्वच्छ गंगा और नदी के निर्बाध रूप से बहते रहने की मांग को लेकर हरिद्वार में बड़ा आंदोलन किया था.
शिवसेना नेता ने कहा, लेकिन सरकार ने स्थिति पर ध्यान नहीं दिया और प्रोफेसर अग्रवाल को मरने दिया. अन्ना को अपना अनशन खत्म करना चाहिए और अपनी मांगों को लेकर एक आंदोलन की अगुवाई करनी चाहिए तथा मैं शिवसेना के समर्थन का आश्वासन देता हूं. गौरतलब है कि जी डी अग्रवाल (86) का प्रदूषण मुक्त गंगा के लिए अनशन शुरू करने के 111 दिन बाद गत वर्ष अक्टूबर में उत्तराखंड के ऋषिकेश में एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.