वेलिंगटन : अंबाती रायुडु की विषम परिस्थितियों में खेली गयी बड़ी अर्धशतकीय पारी और हार्दिक पांड्या के ऑलराउंड खेल से भारत ने पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को यहां न्यूजीलैंड को 35 रन से शिकस्त देकर पांच मैचों की शृंखला 4-1 से जीती.
भारत का शीर्ष क्रम फिर से नहीं चल पाया और एक समय उसका स्कोर चार विकेट पर 18 रन था. अंबाती रायुडू (113 गेंदों पर 90 रन) ने विजय शंकर (64 गेंदों पर 45 रन) के साथ पांचवें विकेट के लिये 98 और केदार जाधव (45 गेंदों पर 34 रन) के साथ छठे विकेट के लिये 74 रन की उपयोगी साझेदारियां करके भारत को शुरुआती झटकों से उबारा.
पांड्या ने स्लॉग ओवरों में 22 गेंदों पर पांच छक्कों की मदद से 45 रन की तूफानी पारी खेली जिससे भारत ने 49.5 ओवर में 252 रन बनाये. न्यूजीलैंड की टीम इसके जवाब में 44.1 ओवर में 217 रन ही बना पायी. उसके लिये जेम्स नीशाम ने सर्वाधिक 44 रन बनाये.
भारतीय मध्यक्रम पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था और इस मैच में रायुडु की पारी ने मुख्य अंतर पैदा किया. इससे भारत ने मैट हेनरी (35 रन देकर चार) और ट्रेंट बोल्ट (39 रन देकर तीन) के झटकों के बावजूद चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में सफल रहा. इसके बाद मोहम्मद शमी (35 रन देकर दो) ने न्यूजीलैंड का शीर्ष क्रम झकझोरा जबकि युजवेंद्र चहल (41 रन देकर तीन), पांड्या (50 रन देकर दो) और जाधव (34 रन देकर एक) ने मध्यक्रम के बल्लेबाजों को पारी संवारने का मौका नहीं दिया.
शमी ने दोनों सलामी बल्लेबाजों हेनरी निकोल्स (आठ) और कोलिन मुनरो (24) को ज्यादा देर तक नहीं टिकने दिया. निकोल्स ने उठती हुई गेंद पर शार्ट मिडविकेट पर कैच थमाया जबकि मुनरो ने उनकी आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद विकेटों पर खेली. पांड्या ने 11वें ओवर में गेंद संभाली और अपनी दूसरी गेंद पर ही फार्म में चल रहे रोस टेलर (एक) को पगबाधा आउट कर दिया जिससे स्कोर तीन विकेट पर 38 रन हो गया.
कप्तान केन विलियमसन (39) और टाम लैथम (37) ने बीच में 15 ओवरों में कोई विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच 67 रन की साझेदारी की. विलियमसन ने ऐसे में जाधव की गेंद पुल शाट से हवा में लहरायी जिसे शिखर धवन ने आसानी से कैच किया. चहल ने इसके बाद लैथम और नये बल्लेबाज कोलिन डि ग्रैंडहोम (11) को पगबाधा आउट करके कीवी टीम को बैकफुट पर भेजा.
नीशाम ने शमी और भुवनेश्वर दोनों पर करारे शाट खेलकर मैच को रोमांचक बनाने की कोशिश की, लेकिन उनके अजीबोगरीब तरीके से रन आउट होने के साथ न्यूजीलैंड की रही सही उम्मीदों पर पानी फिर गया. जाधव ने नीशाम के खिलाफ पगबाधा की अपील की जिसे अंपायर ने ठुकरा दिया.
बल्लेबाज आगे निकल गया लेकिन महेंद्र सिंह धौनी सतर्क थे और उन्होंने रन आउट करने में देर नहीं लगायी. इसके बाद भारत की जीत तय हो गयी थी. इससे पहले रोहित ने तेज गेंदबाजों के लिये अनुकूल परिस्थितियों में टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने की चुनौती ली.
हैमिल्टन में भारत 92 रन पर ढेर हो गया था. वहां की तरह वेस्टपैक स्टेडियम में भी गेंद स्विंग कर रही थी जिसमें रोहित और धवन सहित भारतीय बल्लेबाजों को संघर्ष करना पड़ा. पिछले मैच में पांच विकेट लेने वाले बोल्ट और हेनरी ने पूरी तेजी दिखायी और गेंद को अच्छी तरह से स्विंग किया जिससे भारत पर फिर से 100 रन से कम स्कोर पर आउट होने का खतरा मंडराने लगा.
भारतीय बल्लेबाजों का शाट का चयन भी अच्छा नहीं रहा. रोहित को हेनरी ने स्विंग लेती खूबसूरत गेंद पर बोल्ड किया जबकि बोल्ट ने भी स्विंग का सहारा लेकर चोटिल होने के कारण पिछले दो मैचों में नहीं खेल पाने वाले धौनी (एक) की गिल्लियां बिखेरी. इस बीच धवन (छह) ने थर्ड मैन पर कैच थमाया जबकि युवा शुभमान गिल ने कवर पर खड़े क्षेत्ररक्षक को कैच का अभ्यास कराया.
जब भारत गहरे संकट में फंसा था तब रायुडू और शंकर ने जुझारूपन दिखाया. शुरू में शंकर अधिक सहज लग रहे थे जबकि रायुडु ने विकेट बचाये रखने को तरजीह दी. शंकर को जाधव से ऊपर छठे नंबर पर भेजा गया था. शंकर का भाग्य ने साथ नहीं दिया और रायुडू के साथ गफलत में रन आउट होने के कारण अर्धशतक से चूक गये.
रायुडू ने इसके बाद कोलिन डि ग्रैंडहोम पर लगातार दो चौके लगाकर अपना दसवां वनडे अर्धशतक पूरा किया. इसके बाद उन्होंने कोलिन मुनरो पर लगातार दो छक्के लगाये. रायुडू की पारी में आठ चौके और चार छक्के शामिल हैं. रायुडू के आउट होने के बाद पांड्या ने जिम्मेदारी संभाली.
उन्होंने लेग स्पिनर टाड एस्टल पर लगातार तीन छक्के लगाये. वनडे में चौथी बार उन्होंने ऐसा कारनामा किया. उन्होंने बोल्ट को भी नहीं बख्शा और उन पर मिडविकेट छक्का जड़ा.