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जॉर्ज फर्नांडिस के निधन से एक युग का हो गया अंत
तीन जून, 1930 को कर्नाटक के मंगलुरू में जन्मे मुंबई के ट्रेड यूनियन नेता से अपना सफर शुरू कर देश के रक्षा मंत्री तक का सफर शान से तय करने वाले ईमानदार, जुझारू, बेबाक, हर दिल अजीज राजनीति के शिखर पुरुष जॉर्ज फर्नांडिस के निधन से सारा देश मर्माहत है. उनके निधन से राजनीति में […]
तीन जून, 1930 को कर्नाटक के मंगलुरू में जन्मे मुंबई के ट्रेड यूनियन नेता से अपना सफर शुरू कर देश के रक्षा मंत्री तक का सफर शान से तय करने वाले ईमानदार, जुझारू, बेबाक, हर दिल अजीज राजनीति के शिखर पुरुष जॉर्ज फर्नांडिस के निधन से सारा देश मर्माहत है.
उनके निधन से राजनीति में जो खालीपन आया है, उसे भर पाना मुश्किल है. उनकी छवि भारतीय राजनीति में साफ-सुथरी समाजवादी राजनेता की रही है. वह एक ऐसे नेता थे, जो कथनी नहीं करनी में विश्वास करते थे.
यह उनकी शख्सियत का ही कमाल था कि 1974 में जब वे ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष थे, भारतीय रेल के 15 लाख कर्मचारियों के वेतन वृद्धि की मांग पर रेल हड़ताल करवा दिया और सारे देश में हाहाकार मचा दिया. 1974 का लोकसभा चुनाव मुजफ्फरपुर से उन्होंने जेल में रहते हुए बिना किसी प्रचार-प्रसार के जीता था.
डॉ हरि गोविंद प्रसाद, बेगूसराय
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